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Home » मालदा के बाद मुर्शिदाबाद… महिला आयोग की टीम पहुंची शमशेरगंज, हिंसा पीड़ितों को दिला रही ढांढस, गवर्नर भी जानेंगे एक-एक सच

मालदा के बाद मुर्शिदाबाद… महिला आयोग की टीम पहुंची शमशेरगंज, हिंसा पीड़ितों को दिला रही ढांढस, गवर्नर भी जानेंगे एक-एक सच

By Newsdesk Admin 19/04/2025
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सीजी भास्कर, 19 अप्रैल। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसा के बाद ममता सरकार चौतरफा घिरी है. मानवाधिकार आयोग से लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग की टीमें हिंसा का एक-एक सच जानता चाहती हैं और जमीनी दौरा कर रही हैं. इस बीच, राज्यपाल सीवी आनंद बोस भी एक्शन मोड में आ गए हैं. शुक्रवार को वे सबसे पहले मालदा पहुंचे और राहत शिविर में दंगा पीड़ितों से मुलाकात की और बात की. गवर्नर आज यानी शनिवार को मुर्शिदाबाद दौरे पर जा सकते हैं.

राजभवन सूत्रों के अनुसार, राज्यपाल शनिवार को मुर्शिदाबाद के दंगा प्रभावित इलाकों का भी दौरा कर सकते हैं. NCW की टीम भी शुक्रवार रात मालदा में ही रुकी और शनिवार को मुर्शिदाबाद पहुंच गई. NCW की टीम मुर्शिदाबाद हिंसा के केंद्र शमशेरगंज में पीड़ितों से मुलाकात कर रही है और पीड़ितों को ढांढस दिला रही है. ये टीम उन घरों को देखने को भी पहुंच रही है, जो आगजनी की चपेट में आए हैं. इस दौरान बंगाल बीजेपी नेता श्रीरूपा मित्रा भी साथ हैं. उसके बाद रविवार को ये टीम कोलकाता में राज्यपाल, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से मिलेगी.

दरअसल, वक्फ संशोधन कानून को लेकर सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक हलचल देखी जा रही है. 11 और 12 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज, सूती, धूलियान और जंगीपुर में हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें तीन लोग मारे गए थे. 274 लोगों को दंगे और तोड़फोड़ के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पूरे इलाके में अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है. अभी भी इलाके में तनाव है. शुक्रवार की नमाज के बाद सबसे पहले शमशेरगंज ब्लॉक के धूलियान में हिंसा की चिंगारी भड़की थी. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों को आग लगा दी थी और सुरक्षा बलों से भिड़ गए थे. हिंसा से सहमे बड़ी संख्या में लोग पलायन कर गए थे और नाव के जरिए मालदा के स्कूल में पहुंच गए थे. यहां अस्थाई राहत शिविर बनाया गया है.

HC ने दिए सरकार को निर्देश

कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया है कि वो पलायन करने वाले लोगों को तत्काल सहायता मुहैया कराए. कोर्ट ने राज्य सरकार को प्रभावित लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करवाने, निरंतर पुलिस गश्त बनाए रखने और आगे शांति बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने एनआईए जांच की याचिका को खारिज कर दिया.

आज शाम ‘बंगाली हिंदू बचाओ’ रैली

मुर्शिदाबाद हिंसा पर तनाव के बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने आज बीजेपी के युवा मोर्चा को ‘बंगाली हिंदू बचाओ’ रैली आयोजित करने की अनुमति दे दी है. शाम 4 बजे ये रैली शुरू होगी. इस रैली में बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी भी शामिल होंगे. पश्चिम बंगाल बीजेपी ने कहा, ये रैली नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पैतृक घर से शुरू होगी और कोलकाता के भवानीपुर में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के आवास पर समाप्त होगी.

आज मुर्शिदाबाद पहुंचेंगे राज्यपाल बोस

पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस के शनिवार को मुर्शिदाबाद जाने की तैयारी है. मु्ख्यमंत्री ममता बनर्जी की गुजारिश को दरकिनार कर गवर्नर बोस मुर्शिदाबाद दौरे पर पहुंचेंगे. यहां वे जमीनी स्थिति का आकलन करेंगे. वे मुर्शिदाबाद में लॉ एंड ऑर्डर का हाल देखेंगे. पीड़ितों से मिलेंगे. उनकी बातें सुनेंगे और हकीकत में क्या हुआ, यह भी जानने की कोशिश करेंगे. मुर्शिदाबाद के पूरे सच पर एक रिपोर्ट तैयार करेंगे.

मुर्शिदाबाद में बीएसएफ का पहरा

फिलहाल, मुर्शिदाबाद में बीएसएफ ने मोर्चा संभाला हुआ है. चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबल तैनात और मुस्तैद हैं. हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है. सीएम ममता बनर्जी दावा कर रही हैं कि अब सब शांति है. हालांकि, राज्यपाल सीवी आनंद बोस और राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम का कहना था वो खुद जमीनी हालात को समझेंगे. खुद आंखों देखी रिपोर्ट तैयार करेंगे.

राज्यपाल की रिपोर्ट पर हर किसी की नजर!

ऐसे में सवाल उठ रहा है कि राज्यपाल की रिपोर्ट में कानून-व्यवस्था में खामियां मिलीं तो क्या होगा? क्या गवर्नर की खराब रिपोर्ट से पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लग सकता है? बंगाल में हिंसा के बाद बिगड़ते हालात को लेकर बीजेपी राष्ट्रपति शासन की मांग कर रही है. बीजेपी नेता मिथुन चक्रवती ने भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग उठाई है. राज्यपाल सीवी आनंद बोस भी संकेत दे रहे हैं कि जरूरत पड़ी तो राष्ट्रपति शासन का विकल्प हमेशा खुला है.

बंगाल सरकार बोली- स्थिति कंट्रोल में है

वहीं, बंगाल सरकार ने दावा किया कि हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में स्थिति अब नियंत्रण में हैं, लेकिन हाईकोर्ट ने मुर्शिदाबाद जिले में केंद्रीय बलों की तैनाती जारी रखने का आदेश सुरक्षित रखा. ये भी चेतावनी दे दी कि कोई भी भड़काऊ बयानबाजी ना करे. बड़ी बात ये है कि सरकार पहले मुर्शिदाबाद में पलायन से इनकार कर रही थी, लेकिन अब जंगीपुर से टीएमसी सांसद ने ही खुद स्वीकार किया है कि पलायन हुआ है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. ममता ने कहा, दंगे हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख या जैन नहीं कराते हैं. दंगे कुछ अपराधी कराते हैं. आजकल पैसे से बहुत कुछ हो सकता है. ऐसी स्थिति में आपको कुछ अच्छे लोग मिलेंगे, और… कुछ नेता ऐसे भी होंगे जो अच्छे बनकर मुसीबत खड़ी करेंगे.

टीएमसी ने कहा- बीजेपी एजेंट की तरह काम कर रहे गवर्नर

मुर्शिदाबाद हिंसा और राज्यपाल के दौरे पर टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, बीजेपी 2019 से राष्ट्रपति शासन की मांग कर रही है. लेकिन हम इस मांग को कोई महत्व नहीं देते हैं. स्थिति खराब थी लेकिन अब मुर्शिदाबाद में स्थिति ठीक है. शांति बहाल हो गई है. बीजेपी राजनीति कर रही है. किसी भी तरह से वे बंगाल में 2026 का चुनाव जीतना चाहते हैं. बंगाल के राज्यपाल बीजेपी के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं. वे बीजेपी के प्रवक्ता की तरह काम कर रहे हैं. राज्यपाल अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं. वे एक राजनीतिक एजेंट हैं.

शुक्रवार को क्या हुआ था?

शुक्रवार को मानवाधिकार आयोग (NHRC) और राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की टीमों के दौरे के बाद राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने भी मालदा के एक हाई स्कूल में स्थापित राहत शिविर का दौरा किया था. इस स्कूल में मुर्शिदाबाद दंगों के सैकड़ों पीड़ित शरण लिए हुए हैं. पीड़ितों ने टीमों के सामने अपनी व्यथा सुनाई. शिविर में रहने वालों ने स्थानीय पुलिस पर कैदियों जैसा बर्ताव करने का आरोप लगाया और विरोध प्रदर्शन भी किया.

परलालपुर हाई स्कूल स्थित राहत शिविर में NHRC और NCW की टीमों ने शुक्रवार को पीड़ितों से मुलाकात की. इसी दौरान राज्यपाल बोस ने भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आग्रह को नजरअंदाज करते हुए शिविर में पीड़ितों से बातचीत की. राज्यपाल बोस ने शिविर में मौजूद लोगों को भरोसा दिलाया कि उनकी शिकायतों के समाधान के लिए जल्द कार्रवाई की जाएगी.

कोलकाता से मालदा तक ट्रेन से पहुंचे बोस ने कहा, मैं शिविर में रह रहे परिवारों से मिला, उनकी समस्याएं सुनीं और उन्हें समझा. उन्होंने मुझे विस्तार से बताया कि वे क्या चाहते हैं. निश्चित रूप से इस पर कार्रवाई की जाएगी. राज्यपाल ने कहा कि वे मौके पर जाकर रिपोर्टों की पुष्टि करेंगे. अस्पतालों, आवासों और राहत शिविरों को जाकर देखेंगे. केंद्रीय बल और राज्य पुलिस मिलकर काम कर रहे हैं और स्थिति जल्द सामान्य हो जाएगी. मैं अपनी सिफारिशें दौरे के बाद भेजूंगा.

मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद इलाके में सुरक्षाबल मुस्तैद हैं.
NHRC की टीम ने घटनाओं का स्वत: संज्ञान लिया और पीड़ितों से बात की और कहा कि वे गंभीरता को देखते हुए मौके पर जांच करेंगे. राज्य सरकार से तीन सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है. NCW की अध्यक्ष विजया रहाटकर के नेतृत्व में महिला आयोग की टीम ने भी शिविर का दौरा किया. रहाटकर ने कहा, मैं यहां महिलाओं और बच्चों की हालत देखकर स्तब्ध हूं. उन्हें जबरन घरों से निकाला गया और वे असहनीय पीड़ा से गुजरी हैं. सदस्य अर्चना मजूमदार ने आरोप लगाया कि महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की गई और उन्हें जबरन बेघर किया गया. मजूमदार ने कहा, यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करे. क्या TMC सरकार बंगाल को दूसरा बांग्लादेश बनाना चाहती है?

मुर्शिदाबाद में कब-क्या हुआ?

11 अप्रैल को मुर्शिदाबाद में हिंसक विरोध में 3 की मौत हो गई थी. 12 अप्रैल को भीड़ ने पिता-बेटे की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. 13 अप्रैल को धुलियान से 500 लोगों के पलायन की खबर आई. 14 अप्रैल को 24 परगना में पुलिस की गाड़ियां जलाईं गईं. 15 अप्रैल को हिंसा में बांग्लादेशी कनेक्शन सामने आया. 16 अप्रैल को CM ममता बनर्जी ने इमामों और मौलानाओं के साथ बैठक की थी. 17 अप्रैल को ममता सरकार ने हिंसा पर कलकत्ता हाई कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश की.

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