सीजी भास्कर, 14 मई 2025 : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य के उन कलाकारों और साहित्यकारों (Chhattisgarh Artists Welfare) के लिए एक महत्वपूर्ण और भावनात्मक निर्णय लिया गया, जो आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रहे हैं। अब इन्हें दी जाने वाली मासिक वित्तीय सहायता (पेंशन) राशि को 2000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये प्रतिमाह किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे कलाकार और साहित्यकार (Chhattisgarh Artists Welfare) समाज की आत्मा हैं। उनका योगदान अमूल्य है। यह निर्णय केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि उनके प्रति राज्य की संवेदना और सम्मान का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय बजट सत्र में की गई घोषणा का परिपालन है, और हमारी सरकार हर वर्ग के सशक्तिकरण हेतु प्रतिबद्ध है।
यह पेंशन संस्कृति विभाग की वित्तीय सहायता योजना नियम-1986 के अंतर्गत दी जाती है। इस योजना की शुरुआत 1986 में हुई थी, जब सहायता राशि न्यूनतम 150 रुपये और अधिकतम 600 रुपये थी। बाद में 2007 में इसे 1500 रुपये और 2012 में 2000 रुपये किया गया, लेकिन 12 वर्षों से इसमें कोई वृद्धि नहीं हुई थी।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में वर्तमान में कुल 162 कलाकारों और साहित्यकारों को यह मासिक पेंशन दी जा रही है। अब उन्हें सालाना 24 हजार की जगह 60 हजार रुपये मिलेंगे, जिससे वे अपनी बुनियादी जरूरतें बेहतर ढंग से पूरी कर सकेंगे।
मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित इस संशोधन से राज्य पर कुल 58.32 लाख रुपये का वार्षिक अतिरिक्त व्यय भार आएगा। पहले जहां कुल वार्षिक व्यय 38.88 लाख रुपये था, वह अब बढ़कर 97.20 लाख रुपए वार्षिक हो जाएगा। लेकिन यह व्यय राज्य सरकार के लिए गौरवपूर्ण कर्तव्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने कला, साहित्य और संस्कृति (Chhattisgarh Artists Welfare) की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया, उनका आत्मसम्मान बनाए रखना हमारा दायित्व है। यह निर्णय संवेदनशील और समावेशी शासन का प्रमाण है। सरकार का यह कदम न केवल आर्थिक सहारा देगा, बल्कि कलाकारों और साहित्यकारों को आत्मबल और सामाजिक प्रतिष्ठा भी प्रदान करेगा।