सीजी भास्कर, 17मई | सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और मजबूती देने के लिए अब देश की राजनीतिक पार्टियां एक साथ खड़ी हो रही हैं. ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने एक बड़ा कूटनीतिक कदम उठाते हुए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को विश्व के प्रमुख देशों में भेजने का फैसला किया है.
इन प्रतिनिधिमंडलों का उद्देश्य साफ है- आतंकवाद को लेकर भारत की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का साझा संदेश दुनिया तक पहुंचाना. खास बात यह है कि इस अभियान में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल हैं, जिससे यह स्पष्ट संकेत जाता है कि आतंकवाद के मुद्दे पर भारत एकजुट है.
किरण रिजिजू ने दी जानकारी
संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में इसकी जानकारी दी. एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, ‘सबसे अहम पलों में भारत एकजुट खड़ा होता है. सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जल्द ही प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेंगे और आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ का हमारा साझा संदेश वहां ले जाएंगे. यह राजनीति से ऊपर और मतभेदों से परे राष्ट्रीय एकता का शक्तिशाली प्रतीक है.’
इन प्रतिनिधिमंडलों का दौरा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों और अन्य प्रमुख सहयोगी देशों में इस महीने के अंत तक होगा. प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करने वाले सांसद में शशि थरूर (कांग्रेस), रविशंकर प्रसाद (भारतीय जनता पार्टी), संजय कुमार झा (जनता दल यूनाइटेड), बैजयंत पांडा (भारतीय जनता पार्टी), कनीमोई करुणानिधि (द्रविड़ मुनेत्र कड़गम-DMK), सुप्रिया सुले (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी- NCP) और श्रीकांत एकनाथ शिंदे (शिवसेना) का नाम शामिल है.
इन देशों की यात्रा पर जाएंगे सांसद
सूत्रों के अनुसार, ये प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, कतर और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों की यात्रा करेंगे. यह विदेश दौरा 22 मई के बाद शुरू होने की संभावना है. भारत सरकार का यह प्रयास वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और नागरिक ठिकानों को निशाना बनाए जाने की घटनाओं को उजागर करने के लिए किया जा रहा है.