17 मई 2025 :
CM Yogi News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि जरूरतमंदों की मदद के लिए सरकार हमेशा तत्पर है. नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत से लेकर अब तक महज 43 दिनों में 8,180 जरूरतमंदों को 1.53 अरब रुपये (यानी लगभग 153 करोड़ रुपये) की आर्थिक सहायता दी गई है.
यह सहायता सीधे उन लोगों को मिली, जो इलाज, बेटी की शादी, दुर्घटना या अन्य किसी निजी आपदा के कारण आर्थिक संकट से गुजर रहे थे. मुख्यमंत्री के जनता दर्शन, जनप्रतिनिधियों और पीड़ित परिवारों की ओर से आए प्रार्थना पत्रों पर स्वयं संज्ञान लेते हुए CM योगी ने त्वरित आर्थिक सहायता के निर्देश दिए.
प्रार्थना पत्रों में सबसे अधिक मामले कैंसर मरीजों के
इन प्रार्थना पत्रों में सबसे अधिक मामले इलाज के लिए आर्थिक सहायता के थे. कैंसर, किडनी और हृदय रोग से पीड़ित हजारों मरीजों को राहत दी गई. आंकड़ों के अनुसार, 875 कैंसर मरीजों को 21.23 करोड़ रुपये, 246 किडनी से पीड़ित मरीजों को करीब 4.2 करोड़ रुपये और 98 हृदय रोगियों को लगभग 1.46 करोड़ रुपये की मदद दी गई.
इसके अलावा, कुछ लोगों को बेटी की शादी, दुर्घटनाओं के बाद सहायता, मृतक आश्रितों को राहत और अन्य सामाजिक समस्याओं के समाधान के लिए भी सहयोग प्रदान किया गया. मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से जारी की गई इस मदद में पारदर्शिता और त्वरित निर्णय प्रक्रिया को प्राथमिकता दी गई.
सहायता का ब्योरा इस प्रकार है
उपचार हेतु सहायता – 6,695 लोगों को करीब 122 करोड़ रुपये
कैंसर के इलाज के लिए – 875 मरीजों को 21.23 करोड़ रुपये
किडनी संबंधी सहायता – 246 लोगों को 4.2 करोड़ रुपये
हृदय रोगियों को – 98 मरीजों को 1.46 करोड़ रुपये
पुत्री के विवाह के लिए – 20 परिवारों को 24 लाख रुपये
मृतक आश्रितों को – 5 परिवारों को 32 लाख रुपये
अन्य प्रकार की सहायता – 236 लोगों को 4.07 करोड़ रुपये
उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल बताती है कि सिर्फ घोषणाओं तक सीमित न रहकर जमीन पर भी गरीबों, बीमारों और पीड़ितों को सहायता मिल रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद प्रतिदिन जनता दर्शन के दौरान आमजन से मिलते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से करवाते हैं.
बीते वर्षों में भी मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष के तहत हजारों लोगों को मदद की गई है, लेकिन 2025-26 के शुरुआती 43 दिन सरकार की संवेदनशीलता और तत्परता का सबसे सशक्त उदाहरण बन गए हैं.