सीजी भास्कर 27 मई। देश में अवैध रूप से रह रहे 92 बांग्लादेशी नागरिकों को दिल्ली पुलिस ने पकड़ा है। इसके साथ ही 26 दिसंबर, 2024 से अब तक हिरासत में लिए गए बांग्लादेशी नागरिकों की कुल संख्या 142 हो गई है। अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों की पहचान करने और उन्हें हिरासत में लेने के लिए हाल ही में 10 दिनों का विशेष अभियान चलाया गया था।
खुफिया सूचनाओं पर कार्रवाई करते हुए और स्थानीय मुखबिरों की मदद से पुलिस की कई टीमों ने संवेदनशील इलाकों में घर-घर जाकर जांच की है।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पश्चिम) सुरेन्द्र चौधरी ने कहा, “इस अभियान के दौरान सरोजिनी नगर, किशनगढ़, सफदरजंग एन्क्लेव, वसंत कुंज, कापसहेड़ा, पालम गांव, दिल्ली छावनी और सागरपुर जैसे क्षेत्रों से 88 बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया गया है।”
उन्होंने कहा कि पूछताछ के दौरान वे भारत में अपने प्रवास को उचित ठहराने के लिए कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत करने में विफल रहे। कई लोगों के पास बांग्लादेशी पहचान दस्तावेज पाए गए। उन्हें आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए हिरासत में लिया गया है।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों ने अवैध रास्तों से भारत में प्रवेश करने की बात स्वीकार की है। कुछ ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर नदियों को पार किया, जबकि अन्य ने सीमा पर लगे तारों को काटकर घुसपैठ किया है। उनमें से अधिकांश कई वर्षों से दिल्ली में रह रहे थे और दिहाड़ी मजदूर और घरेलू काम करते थे।
एक अभियान में पुलिस ने दिल्ली छावनी क्षेत्र से एक बांग्लादेशी दंपति और उनके दो नाबालिग बच्चों को पकड़ा. ये परिवार इस इलाके में पिछले 12 साल से अवैध रूप से रह रहा था।
डीसीपी ने बताया कि पकड़े गए बांग्लादेशी की पहचान मोहम्मद असद अली (44), उनकी पत्नी नसीमा बेगम (40), बेटे मोहम्मद नईम खान (18) और बेटी आशा मोनी (13) के रूप में हुई है। इनमें से कोई भी वैध भारतीय नागरिकता के दस्तावेज नहीं दिखा सका।
पूछताछ के दौरान उन्होंने बांग्लादेश के फारूक बाजार अजवातारी, फुलबारी कुरीग्राम के मूल निवासी होने की बात कबूल की है। परिवार के बयान दर्ज कर लिए गए हैं।
विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) के जरिए निर्वासन की प्रक्रिया शुरू है। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया था, जो एक दशक से ज्यादा वक्त से अवैध रूप से भारत में अप्रवासियों की एंट्री करा रहा था।
पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत छह अवैध बांग्लादेशियों और उनके पांच भारतीय साथियों को गिरफ्तार किया था। गिरोह का संचालन 55 वर्षीय चांद मिया करता था। वो चार साल की उम्र में भारत में घुस आया था। गिरोह ने पहचान के लिए फर्जी डॉक्यूमेंट भी बनाए थे, ताकि अवैध अप्रवासी देश में स्थायी रूप से रह सकें और रोजगार प्राप्त कर सकें।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पूर्व) रवि कुमार सिंह ने बताया कि चांद मियां द्वारा दी गई सूचना के आधार पर चेन्नई से 33 और अवैध अप्रवासियों को पकड़ा गया।
उन्होंने बताया था कि नेटवर्क से जुड़े 100 से अधिक बांग्लादेशी नागरिक और एजेंट अब जांच के दायरे में हैं।
चांद मियां के आलावा गिरफ्तार किए गए अन्य बांग्लादेशी नागरिकों का नाम असलम (25), मोहम्मद अली हुसैन (28), मोहम्मद मिजान (25), रैडिश मोल्ला (24) और फातिमा अफ्रोस (32) हैं।