सीजी भास्कर 6 जून बिलासपुर में डिप्टी रेंजर से मारपीट और वनकर्मियों को कुल्हाड़ी लेकर दौड़ाने वाले आरोपी पकड़ाए है। बीते 1 जून को सूचना पर वन विभाग की टीम तस्करों को पकड़ने गई थी। रात के अंधेरे में तस्करों ने कुल्हाड़ी, लाठी से टीम पर हमला कर दिया था।मामला कोटा थाना क्षेत्र का है। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों का पूरा गैंग है जो सागौन जैसी इमारती लकड़ी तस्करी करता है। इसी गिरोह के लोगों ने हमला किया था। गिरोह में एक परिवार के कई लोग शामिल है।
फिलहाल गैंग के 2 आरोपी पकड़ाए है। जबकि, हमलावरों की संख्या 10 से 12 थी, अन्य की तलाश जारी है।लकड़ी तस्करों के गैंग ने डिप्टी रेंजर पर किया हमला, जान बचाकर भागे थे वनकर्मी।डिप्टी रेंजर को घेर कर किया हमलादरअसल, कोटा वन परिक्षेत्र के सेमरिया बीट में खुलेआम लकड़ी तस्करी होती है। सूचना के बाद वन विभाग की टीम कार्रवाई करने पहुंची थी। लेकिन हमला होने के बाद वनकर्मियों को अपनी जान बचाकर भागना पड़ा।
अंधेरे में डिप्टी रेंजर अरविंद बंजारे तस्करों के बीच फंस गए। उन्होंने डिप्टी रेंजर को घेर लिया और उनके साथ जमकर मारपीट की। इस दौरान अंधेरे में हमलावर भाग निकले। वन कर्मी वापस पहुंचे तो रेंजर घायल अवस्था में वहीं पड़े मिले।आरोपियों के बच्चे भी वारदात में शामिलघटना के बाद विभाग की तरफ से कोटा थाने में केस दर्ज कराया गया।
गुरुवार को पुलिस ने सेमरिया की रहने वाली और गिरोह की सदस्य सकून बाई (40) और भुरुवा उर्फ अंधियार सिंह गोंड (55) को गिरफ्तार किया है। अन्य आरोपी पकड़ से बाहर है।बताया जा रहा है पकड़े गए आरोपियों के दो बेटे दिनेश सिंह गोंड, अंजोर सिंह गोंड भी वारदात में शामिल थे, जो फरार हैं। इसके साथ ही अन्य हमलावरों की पुलिस अब तक पहचान नहीं कर पाई है।
डिप्टी रेंजर और वन कर्मियों पर हमला करने वाले आरोप वनकर्मियों और आरक्षकों की मिलीभगत के आरोपजानकारी के मुताबिक, सेमरिया गांव में अंधियार सिंह और उसका पूरा परिवार सालों से लकड़ी तस्करी का काम कर रहा है। वन कर्मियों के साथ ही थाने के आरक्षकों से उसकी तगड़ी सेटिंग होने के कारण वो लकड़ी चोरी कर आसानी से बाहर सप्लाई कर रहे हैं। 7 महीने पहले भी क्षेत्र में लकड़ी तस्करी के एक प्रकरण के दौरान आरक्षकों पर आरोप लगे थे। लेकिन, मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई।