20 जून 2025 :
भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) ने मतदाताओं को सुविधाओं की नई सौगात दी. निर्वाचन आयोग ने 19 जून को पांच विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनावों में कई नई और अनूठी पहल लॉन्च कर इतिहास रच दिया. इन उपचुनावों में गुजरात के 24-कदी (अनुसूचित जनजाति) और 87-विसावदर, केरल के 35-नीलांबुर, पंजाब के 64-लुधियाना पश्चिम और पश्चिम बंगाल के 80-कालीगंज शामिल थे.
इस दौरान 1354 मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ. मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार, निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधु और डॉ. विवेक जोशी की अगुवाई में आयोग ने कई नई सुविधाएं लॉन्च कीं. जो मतदान प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, तेज और आसान बनाती हैं.
आइए जानते हैं इन खास पहलों के बारे में:
मोबाइल डिपॉजिट सुविधा – पहली बार सभी मतदान केंद्रों पर मतदाताओं के लिए मोबाइल जमा करने की सुविधा शुरू की गई. खासकर सीनियर सिटीजनों, महिलाओं और दिव्यांग मतदाताओं को मतदान केंद्र में मोबाइल रखने की समस्या से राहत मिली. मतदान केंद्रों के प्रवेश द्वार पर छोटे बॉक्स या जूट बैग रखे गए, जहां मतदाता अपने फोन जमा कर सकते थे. स्वयंसेवकों की मदद से यह प्रक्रिया आसान और बेहद मददगार रही.
एडवांस वोटर टर्नआउट शेयर किया – ECI ने वोटर टर्नआउट (वीटीआर) अपडेट करने की प्रक्रिया को और तेज किया गया. पीठासीन अधिकारी अब हर दो घंटे में नए ईसीआई-नेट ऐप पर सीधे मतदान का डेटा दर्ज करते हैं. मतदान खत्म होने के बाद भी वे मतदान केंद्र छोड़ने से पहले डेटा अपलोड करते हैं. जहां नेटवर्क नहीं है, वहां ऑफलाइन डेटा दर्ज कर बाद में सिंक किया जा सकता है. इससे पहले मैन्युअल तरीके से डेटा जमा होने में देरी होती थी, लेकिन अब यह प्रक्रिया तेज और सटीक हो गई है.
100% वेबकास्टिंग – पांच में से चार विधानसभा क्षेत्रों के सभी मतदान केंद्रों पर 100% वेबकास्टिंग की गई. इससे मतदान प्रक्रिया की लाइव निगरानी संभव हुई और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को तुरंत पकड़ा जा सका. रिटर्निंग ऑफिसर (RO), जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO) और मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) की निगरानी में यह प्रक्रिया सुचारू से चलती रही.
स्पेशल समरी रिव्यू – ECI ने लगभग 20 साल बाद उपचुनाव से पहले निर्वाचक नामावली का स्पेशल समरी रिव्यू (एसएसआर) किया गया. इससे मतदाता सूची को और सटीक किया गया. जिससे मतदाता सूची अपडेट की गई और इसमें जो भी लोग अब वहां मृत थे या कही और चले गए है, उनका नाम हटा दिया गया.
मॉक पोल ट्रेनिंग – सभी पीठासीन अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से मॉक पोल का ट्रेनिंग दिया गया. जिससे मतदान प्रक्रिया में किसी भी तकनीकी गड़बड़ी की आशंका कम हुई और आराम से हो गए.
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए रास्ता तैयार
इन उपचुनावों में नई पहलों के सफल होने से आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में इन्हें पूरी तरह लागू करने का रास्ता खोल दिया है. यह कदम भारत के चुनावी इतिहास में एक बड़ा बदलाव लाने वाला है. भारत निर्वाचन आयोग की इन नई पहलों ने मतदान प्रक्रिया को न केवल पारदर्शी और तेज बनाया है, बल्कि मतदाताओं के लिए इसे और भी सुविधाजनक बनाया है. ECI का मानना है कि मोबाइल डिपॉजिट और वेबकास्टिंग जैसी सुविधाएं भविष्य के चुनावों को भी आसान बनाएंगी.