शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को तख़्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब ने ‘तनख़ैया’ (धार्मिक कदाचार का दोषी) घोषित किया है. यह फ़ैसला धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप और तख़्त के समन को नजरअंदाज करने के आरोपों के चलते लिया गया.
तख़्त पटना साहिब ने सुखबीर बादल को एक विशेष धार्मिक मुद्दे पर दो बार स्पष्टीकरण के लिए बुलाया था, लेकिन वह पेश नहीं हुए. बाद में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी के आग्रह पर तख़्त ने उन्हें 20 दिन का अतिरिक्त समय दिया, परंतु सुखबीर बादल फिर भी तख़्त के समक्ष उपस्थित नहीं हुए.
इन परिस्थितियों को देखते हुए, तख़्त पटना साहिब की धार्मिक समिति ने निर्णय लिया कि सुखबीर बादल ने सिख धार्मिक मर्यादाओं का उल्लंघन किया है, अतः उन्हें ‘तनख़ैया’ घोषित किया गया है, यानी धार्मिक अनुशासन भंग करने वाला व्यक्ति.
यह घटनाक्रम सिख राजनीति और धार्मिक व्यवस्था में गंभीर विवाद को जन्म दे सकता है, क्योंकि सुखबीर बादल का नाम सिख समुदाय और पंजाब की राजनीति में एक प्रभावशाली नेता के रूप में जाना जाता है.