रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र 14 जुलाई से शुरू होने वाला है, लेकिन उससे पहले ही सियासत गरमा गई है। 13 जुलाई को नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत की अध्यक्षता में कांग्रेस विधायक दल की अहम बैठक बुलाई गई है, जो रायपुर स्थित राजीव भवन में आयोजित की जाएगी। इस बैठक में भाजपा सरकार को घेरने की रणनीति पर मंथन होगा।
क्या है बैठक का एजेंडा?
इस बार का मानसून सत्र कई ज्वलंत मुद्दों को लेकर हंगामेदार रहने वाला है। कांग्रेस इन प्रमुख विषयों पर भाजपा सरकार को घेरेगी:
बिजली दरों में बढ़ोतरी
- बिजली दर में 20 पैसे प्रति यूनिट वृद्धि को कांग्रेस जनविरोधी बता रही है।
- पार्टी का आरोप है कि यह आम जनता और किसानों पर अतिरिक्त बोझ है।
खाद और डीएपी की किल्लत
- कांग्रेस का दावा है कि किसानों को समय पर उर्वरक नहीं मिल रहा, जबकि सरकार पर्याप्त आपूर्ति का दावा कर रही है।
- सदन में यह मुद्दा गरमाने के पूरे आसार हैं।
जंगल कटाई और वन अधिकार
- जंगलों की कटाई और आदिवासी अधिकारों को लेकर कांग्रेस सदन में सरकार से जवाब मांगेगी।
- इस पर सदन में तेज बहस और विरोध की संभावना है।
भाजपा भी हमलावर मूड में
उधर, भाजपा शराब घोटाले को लेकर कांग्रेस को घेरने की तैयारी में है। हाल ही में इस घोटाले से जुड़े 20 से अधिक अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है। भाजपा का आरोप है कि यह घोटाला कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुआ, और अब इसमें शामिल अधिकारियों पर कार्रवाई की जा रही है।
संभावित सत्र में सियासी टकराव
इस बार का मानसून सत्र कई दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है:
- कांग्रेस भाजपा को महंगाई, कृषि संकट और जंगल कटाई जैसे मुद्दों पर घेरेगी।
- वहीं भाजपा कांग्रेस पर शराब घोटाले, पिछली सरकार की कथित अनियमितताओं को लेकर हमला बोल सकती है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह सत्र तल्ख बहसों और कड़े सवालों से भरा रहेगा।