दुर्ग, 15 जुलाई 2025 | CG Bhaskar – जल प्रदूषण को लेकर छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने एक बड़ी कार्रवाई की है। भाटिया वाइंस पर ₹1.20 लाख का जुर्माना ठोका गया है। यह कार्रवाई शिवनाथ नदी और खजीरी नाले में पानी की गुणवत्ता की जांच के बाद की गई है। यह पूरा मामला अब छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की निगरानी में है।
क्यों लगा जुर्माना?
यह मामला उस समय सामने आया जब बीते वर्ष ग्राम दगौरी में भाटिया वाइंस से निकले प्रदूषित पानी के कारण शिवनाथ नदी में मछलियों की सामूहिक मौत की खबर सामने आई थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकार किया और केस की निगरानी शुरू की।
रिपोर्ट में क्या कहा गया?
पर्यावरण मंडल द्वारा सोमवार को कोर्ट में सौंपी गई राज्य स्तरीय रिपोर्ट के मुताबिक:
- 5 स्थानों से लिए गए सैंपल मानकों के अनुकूल पाए गए।
- पानी में घुलित ऑक्सीजन का स्तर 5.0 से 5.8 मिलीग्राम/लीटर दर्ज हुआ, जो मछली पालन और जलजीवों के प्रजनन के लिए उपयुक्त माना जाता है।
- खजीरी नाला सूखा पाया गया, वहां पानी ही नहीं था।
अव्यवस्था और लापरवाही की पुष्टि
4 जुलाई को भाटिया वाइंस के प्रोजेक्ट साइट का निरीक्षण किया गया, जिसमें कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं:
- अपशिष्ट को सीधे नाले में बहाया जा रहा था।
- हाउसकीपिंग व्यवस्था बेहद लचर पाई गई।
- इसके बाद नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया।
8 जुलाई को हुई दोबारा जांच में पाया गया कि:
- अपशिष्ट जल ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित कर दिया गया है।
- अब गंदे पानी का उपयोग पौधरोपण, धूल नियंत्रण और शीतलन कार्य में हो रहा है।
- हाउसकीपिंग व्यवस्था में भी सुधार देखा गया।
लेकिन पहले हुई लापरवाही को देखते हुए 9 जुलाई 2025 को ₹1.20 लाख का जुर्माना लगाया गया।
अगली सुनवाई की तारीख
अब इस मामले की अगली सुनवाई 25 अगस्त 2025 को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में निर्धारित की गई है।