सीजी भास्कर, 22 जुलाई |
रायपुर, छत्तीसगढ़: शराब घोटाले में छत्तीसगढ़ की राजनीति गरमा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में बड़ा खुलासा किया है। एजेंसी का दावा है कि 2019 से 2022 के बीच राज्य में 2500 करोड़ रुपये का शराब घोटाला हुआ, जिसमें चैतन्य की प्रमुख भूमिका रही।
ED का आरोप: चैतन्य बघेल को घोटाले की रकम में से 16.70 करोड़ मिले
ईडी ने सोमवार को बताया कि चैतन्य को ब्लैक मनी को सफेद करने की प्रक्रिया में इस्तेमाल किया गया। अवैध कमाई को उन्होंने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स के जरिए वैध दिखाने की कोशिश की। इसके लिए नकद लेन-देन, फर्जी एंट्रीज और बोगस खरीदारों का सहारा लिया गया।
ईडी के अनुसार, यह रकम त्रिलोक सिंह ढिल्लो जैसे अन्य आरोपियों के जरिए ट्रांसफर की गई थी। कई फर्जी नामों पर प्रॉपर्टी बुकिंग दिखाई गई, जिसमें चैतन्य को प्रत्यक्ष लाभ मिला।
भूपेश बघेल ने केंद्र और ईडी पर बोला हमला
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ईडी की कार्रवाई को राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बताया। उन्होंने सोशल मीडिया (X) पर तंज कसते हुए कहा:
“ED और भाजपा में गहरा तालमेल है। क्या अडाणी के दफ्तर का कंप्यूटर खराब था या ‘सुपर सीएम’ छुट्टी पर थे? प्रेस नोट देने में 4 दिन क्यों लगे?”
बघेल ने यह भी कहा कि जब उनके घर पर छापे मारे गए थे, तब कोई प्रेस नोट जारी नहीं हुआ, लेकिन अब बिना समन दिए उनके बेटे को गिरफ्तार कर एकतरफा कहानी चलाई जा रही है।
ईडी के अनुसार कैसे हुआ करोड़ों का हेरफेर?
- चैतन्य को शराब घोटाले की रकम में से 16.70 करोड़ रुपये मिले
- यह रकम विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट में निवेश के नाम पर घुमाई गई
- नकद लेनदेन के जरिए 1000 करोड़ से ज्यादा की ब्लैक मनी को हैंडल किया गया
- पप्पू बंसल के बयान के अनुसार चैतन्य ने ब्लैक मनी को कॉरपोरेट लेवल पर सेट किया
- अनवर ढेबर, त्रिलोक ढिल्लो, अरविंद सिंह सहित कई नाम जांच के घेरे में
बचाव पक्ष की दलील: गिरफ्तारी अवैध, कोई समन नहीं भेजा गया
चैतन्य बघेल के वकील फैज़ल रिजवी ने आरोप लगाया कि:
- ईडी की कार्रवाई कानूनी प्रक्रिया के खिलाफ है
- चैतन्य को आज तक एक भी समन नहीं भेजा गया
- पूरे सहयोग के बावजूद गिरफ्तारी की गई
- बयान के आधार पर गिरफ्तारी करना राजनीति से प्रेरित है
क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला?
इस घोटाले में ईडी का दावा है कि एक सुनियोजित सिंडिकेट के जरिए 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की गई। इस सिंडिकेट में सरकारी अधिकारी, शराब कारोबारी और राजनीतिक रसूखदार लोग शामिल थे।
मुख्य आरोपियों में हैं:
नितेश पुरोहित, अरुण पाटी त्रिपाठी, और कवासी लखमा
IAS अनिल टुटेजा
AP त्रिपाठी (आबकारी विभाग के पूर्व एमडी)
अनवर ढेबर (शराब कारोबारी)