सीजी भास्कर 25 जुलाई
नई दिल्ली: भारत के राजनीतिक गलियारों में उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 को लेकर हलचल तेज़ हो गई है। भारत निर्वाचन आयोग ने इस अहम चुनाव की प्रक्रिया को गति देते हुए रिटर्निंग अधिकारी और सहायक अधिकारियों की नियुक्ति कर दी है। जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति पद खाली हो गया था, और अब देश को नया उपराष्ट्रपति मिलने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है।
चुनाव आयोग की तैयारियां पूरी
भारत निर्वाचन आयोग ने राज्यसभा सचिवालय की संयुक्त सचिव गरिमा जैन और निदेशक विजय कुमार को आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए सहायक रिटर्निंग अधिकारी नियुक्त किया है। इसके साथ ही आयोग ने राज्यसभा के महासचिव को मुख्य रिटर्निंग अधिकारी के रूप में चुना है। इस नियुक्ति में विधि एवं न्याय मंत्रालय से परामर्श और राज्यसभा के उपसभापति की सहमति ली गई है।
संवैधानिक प्रावधान क्या कहते हैं?
भारत के संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचन आयोग के अधीन होता है। इसके अलावा, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952 की धारा 3 के अंतर्गत, आयोग एक रिटर्निंग अधिकारी और एक या अधिक सहायक रिटर्निंग अधिकारी नियुक्त कर सकता है। यह नियुक्ति आमतौर पर नई दिल्ली स्थित केंद्र से की जाती है।
रोटेशन से तय होता है अधिकारी
चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए रिटर्निंग अधिकारी की नियुक्ति लोकसभा और राज्यसभा के महासचिवों के बीच रोटेशन के आधार पर होती है। पिछले उपराष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा महासचिव ने यह भूमिका निभाई थी, इसलिए इस बार बारी राज्यसभा महासचिव की आई है।
चुनाव की तारीख जल्द होगी घोषित
अब जब चुनाव आयोग ने प्रशासनिक ढांचा तैयार कर लिया है, तो उपराष्ट्रपति चुनाव की आधिकारिक तारीख जल्द ही अधिसूचित की जाएगी। राजनीतिक दलों की नजर अब इस चुनाव पर टिक गई है, क्योंकि यह उच्च सदन के संचालन और राष्ट्रीय राजनीति में एक बड़ी भूमिका निभाने वाले पद का चुनाव है।