सीजी भास्कर, 25 जुलाई : जिस ओल्ड ट्रैफर्ड स्टेडियम में दूसरे दिन इंग्लिश गेंदबाजों ने भारत के छह विकेट सिर्फ 94 रन पर झटक लिए, वहां पर भारतीय गेंदबाजों को दो विकेट लेने के लिए 225 रन खर्च करने पड़े। रणजी और दलीप ट्राफी में अच्छा प्रदर्शन करके इस मैच में पदार्पण करने वाले अंशुल कंबोज पूरी तरह दबाव में दिखे। उनके पहले ओवर में ही बेन डकेट ने तीन चौके पड़े। भारत के मुख्य तेज गेंदबाज बुमराह पूरे दिन 140 किमी प्रति घंटे की तेजी से गेंद फेंकने के लिए तरसते रहे। मोहम्मद सिराज को भी विकेट नहीं मिला।
आलराउंडर शार्दुल ठाकुर से कोई उम्मीद भी नहीं थी और रवींद्र जडेजा किसी तरह एक विकेट लेने में सफल हुए। भारतीय टीम ने दूसरे दिन 46 ओवर फेंके लेकिन आलराउंडर की तरह खेल रहे वाशिंगटन सुंदर को कप्तान शुभमन गिल ने एक ओवर भी गेंदबाजी नहीं कराई। अगर वाशिंगटन खराब समय में गेंदबाजी नहीं कर सकते हैं तो उनकी जगह एक मुख्य बल्लेबाज या एक स्पिनर कुलदीप यादव को क्यों नहीं खिलाया जा रहा है। अगर टीम 20 विकेट नहीं लेगी तो इस तरह उसका यहां जीतना बेहद मुश्किल हो जाएगा। आखिर वाशिंगटन टीम में क्यों हैं?
बुमराह का दम नहीं दिखा : भारतीय टीम को बार्डर-गावस्कर ट्राफी में तहलका मचा देने वाले बुमराह से उम्मीद थी लेकिन वह शुरुआती स्पैल में मुश्किल से 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ही गेंद फेंक पा रहे थे। इंग्लिश ओपनर जैक क्राली ने शुरुआत में उनकी 13 गेंदों पर रन ही नहीं बनाए लेकिन उन्हें कोई विशेष दिक्कत भी नहीं हुई। वह आराम से बुमराह की आफ स्टंप से बाहर की गेंद छोड़ रहे थे और सीधी लाइन पर आ रही गेंदों को नरम हाथों से खेल रहे थे।
इंग्लिश ओपनरों क्राउली और डकेट ने नौवें से 12वें ओवर के बीच पांच चौके लगाए। डकेट और क्राउली ने चायकाल से पहले पांच से ज्यादा के रन रेट से 77 रन की साझेदारी की। मददगार परिस्थितियों के बावजूद भारत ने बेहद खराब गेंदबाजी की। भारतीय गेंदबाजों ने डकेट को कई गेंदें पैड पर खिलाईं, जिसे उन्होंने खुशी-खुशी चौके के लिए भेजा।
उनके अर्धशतक तक पहुंचने तक अपने सभी सात चौके लेग साइड पर लगाए। उन्होंने 100 गेंदों पर 94 के स्ट्राइक रेट से 94 रन बनाए। अंशुल कंबोज उन्हें किसी तरह पंत की जगह विकेटकीपिंग कर रहे ध्रुव जुरैल के हाथों कैच आउट कराने में सफल रहे। डकेट ने 70 प्रतिशत से ज्यादा रन लेग साइड पर बनाए। भारत की गेंदबाजी इतनी खराब थी कि डकेट और क्राउली ने पहले विकेट के लिए 192 गेंदों पर 166 रनों की साझेदारी की।
क्राउली भी शानदार 84 रन बनाकर जडेजा का शिकार हुए। बुमराह ने पहले स्पैल में पांच ओवर में 22 रन दिए तो दूसरे स्पैल में इतने ही ओवर में आठ रन दिए। भारतीय टीम ने जहां पहली पारी में 3.13 के रन रेट से रन बनाए थे वहीं इंग्लिश टीम अब तक 4.89 के रन रेट से रन बना चुकी है। वह तो बाद में ओली पोप और जो रूट ने थोड़ी धीमी बल्लेबाजी की नहीं तो रन रेट पांच से ऊपर का होता। अगर जडेजा की बात करें तो उनके पहले ही ओवर में एक चौका और एक छक्का पड़ा। 32वें ओवर की आखिरी गेंद पर क्राउली ने चौका मारा लेकिन अंपायर ने नोबाल दे दी।
इसके कारण उन्हें अगली गेंद फेंकनी पड़ी जिसमें गेंद क्राउली के बल्ले का किनारा लेकर पहली स्लिप में केएल राहुल के पास पहुंची। भातर को तीसरे दिन भी बल्लेबाजी करनी होगी। इंग्लैंड का बल्लेबाजी क्रम बहुत लंबा है। 10वें नंबर पर आने वाले ब्रायडन कार्स भी बल्लेबाजी कर लेते हैं। ऐसे में भारत को अगर इस मैच में बने रहना है तो तीसरे दिन सुबह के सत्र में चार विकेट कम से कम लेने होंगे।