नई दिल्ली:
भारतीय रेलवे ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग में धांधली पर लगाम कसने के लिए बड़ा कदम उठाया है। IRCTC (इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन) ने 2.5 करोड़ से ज़्यादा संदिग्ध यूजर आईडी को डीएक्टिवेट कर दिया है। संसद में सरकार ने बताया कि ये आईडी या तो फर्जी थीं या फिर बॉट्स के ज़रिए बनाए गए थे, जिनका इस्तेमाल टिकट बुकिंग में हेरफेर के लिए किया जा रहा था।
तत्काल टिकट की मारामारी अब होगी खत्म
तत्काल टिकट की बुकिंग शुरू होते ही कुछ ही मिनटों में टिकट खत्म हो जाते थे। जांच में सामने आया कि कई एजेंट और स्क्रिप्ट-बेस्ड बॉट्स सिस्टम को चकमा देकर टिकट बुक कर लेते थे। इस वजह से आम यात्री को टिकट नहीं मिल पाता था। अब रेलवे के इस एक्शन से यात्रियों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है।
सरकार ने बताया – क्यों की गई इतनी बड़ी कार्रवाई?
सरकार ने संसद में जानकारी देते हुए कहा कि IRCTC के सिस्टम में लगातार मिल रही गड़बड़ियों को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है। इन 2.5 करोड़ यूजर आईडी में से कई फर्जी या डुप्लिकेट थे, जिनका मकसद सिर्फ गलत तरीके से टिकट बुक करना था।
1 जुलाई 2025 से लागू हुए ये नए नियम:
- अब तत्काल टिकट केवल आधार वेरिफाइड यूजर ही बुक कर सकेंगे।
टिकट बुकिंग के समय आधार लिंक होना अनिवार्य कर दिया गया है। - एजेंट को तत्काल बुकिंग विंडो खुलने के पहले 30 मिनट तक बुकिंग से रोका गया है।
यानी एजेंट अब शुरुआती स्लॉट में टिकट बुक नहीं कर पाएंगे। - रेलवे अब टिकट केवल “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर देगा, चाहे बुकिंग ऑनलाइन हो या PRS काउंटर से।
- PRS काउंटरों पर अब डिजिटल पेमेंट की सुविधा अनिवार्य की गई है।
- कन्फर्म टिकट की मांग को देखते हुए रेलवे लगातार स्पेशल ट्रेनें चला रहा है और वेटिंग लिस्ट पर नजर रखी जा रही है।
इमरजेंसी कोटा में भी हुआ बदलाव
अब इमरजेंसी कोटे के तहत टिकट बुक करने के लिए यात्रा से एक दिन पहले आवेदन करना होगा। पहले यही आवेदन यात्रा वाले दिन ही स्वीकार किया जाता था। यह कोटा मुख्य रूप से सांसदों, सरकारी अफसरों, मेडिकल इमरजेंसी, और वरिष्ठ नागरिकों के लिए आरक्षित होता है।