सीजी भास्कर, 29 जुलाई |
रायपुर, 29 जुलाई 2025 — साइबर अपराधियों ने एक बार फिर हाई-प्रोफाइल ठगी की वारदात को अंजाम दिया है। इस बार शिकार बनीं राजधानी रायपुर की एक रिटायर्ड महिला जनरल मैनेजर। ठगों ने उन्हें “डिजिटल अरेस्ट” में लेकर मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाते हुए करीब ₹2.83 करोड़ की ठगी कर ली।
रायपुर पुलिस की स्पेशल टीम ने उत्तर प्रदेश के देवरिया, गोरखपुर और लखनऊ जिलों में छापेमारी कर 5 शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह ने ठगी के लिए 40 से ज्यादा फर्जी कंपनियां और बैंक खाते बना रखे थे।
कैसे रची गई 2.83 करोड़ की ठगी की साजिश?
रिटायर्ड महिला GM सोनिया हंसपाल को 21 मई से 10 जुलाई 2025 तक WhatsApp वीडियो कॉल के जरिए साइबर अपराधियों ने खुद को दिल्ली साइबर सेल का अफसर बताकर डराया। उनसे कहा गया कि उनके आधार कार्ड से जुड़े कई खातों से मनी लॉन्ड्रिंग हो रही है।
इसके बाद उन्हें कहा गया कि अगर वह निर्दोष हैं, तो उन्हें RTGS के जरिए कुछ राशि “सत्यापन” के लिए भेजनी होगी, जो बाद में वापस कर दी जाएगी। महिला ने डर के मारे ठगों के कहे अनुसार 50 दिनों में ₹2.83 करोड़ ट्रांसफर कर दिए।
दुबई से कॉल, कंबोडिया भेजी रकम, भारत में फिर निवेश
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि यह कॉल दुबई से किया गया था और ठगी की राशि को US डॉलर में बदलकर पहले कंबोडिया भेजा गया। फिर अलग-अलग फर्जी कंपनियों के नाम पर पैसा भारत में वापस लाया गया, जिससे ठगी की राशि को “लीगल मनी” में बदल दिया गया।
UP के 3 जिलों से पकड़े गए ठग, बैंक कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध
SSP लाल उम्मेद सिंह ने बताया कि “ऑपरेशन साइबर शील्ड” के तहत यूपी के देवरिया, लखनऊ और गोरखपुर में दबिश देकर 5 अपराधियों को पकड़ा गया। इनके पास से:
- बैंक दस्तावेज
- मोबाइल
- सिम कार्ड
- फर्जी कंपनियों के पेपर्स
बरामद किए गए हैं।
43 लाख रुपए तत्काल होल्ड कर दिए गए हैं। पुलिस बैंक कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है क्योंकि ठगों को टारगेट व्यक्ति की निजी बैंकिंग जानकारी पहले से मिल रही थी।
गिरोह के मास्टरमाइंड आनंद ने दुबई भेजे 15+ एजेंट
गिरोह का सरगना आनंद सिंह, देवरिया का निवासी है और PNB का CSC (ग्राहक सेवा केंद्र) भी चलाता है। आनंद ने अब तक 15 से ज्यादा युवाओं को दुबई भेजा है, जिन्हें ₹40,000 महीना वेतन, वीजा और रहने-खाने की सुविधा देता है। ये एजेंट दुबई से ही व्हाट्सऐप कॉल कर भारतीयों को डराते हैं।
सिम कार्ड से लेकर कंपनी तक, सब कुछ फर्जी
- आकाश साहू गांव-गांव घूमकर झुग्गियों में रहने वालों के नाम पर सिम कार्ड बनाता और दुबई भेजता था।
- नवीन मिश्रा और अनूप मिश्रा मिलकर फर्जी कंपनियां रजिस्टर कर बैंक अकाउंट खुलवाते थे।
- शेर बहादुर युवाओं को दुबई भेजने और कैश निकासी का काम करता था।
साइबर ठगों के खिलाफ अब बड़ी कार्रवाई की तैयारी
पुलिस ने बताया कि यह एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड नेटवर्क है, जो भारत से पैसे निकालकर कंबोडिया होते हुए वापस भारत में निवेश के रूप में ला रहा है। जल्द ही गिरोह के बाकी सदस्यों की गिरफ्तारी और इनकी संपत्ति की जब्ती की कार्रवाई की जाएगी।