सीजी भास्कर, 31 जुलाई : छत्तीसगढ़ में समग्र शिक्षा के तहत व्यावसायिक प्रशिक्षकों की नियुक्ति को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। जेम पोर्टल के माध्यम से हुई निविदा प्रक्रिया पर मिली शिकायतों के बाद राज्य परियोजना कार्यालय ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है। जांच समिति में उप संचालक डीके कौशिक (अध्यक्ष), बृजेश बाजपेयी और एके सारस्वत (सदस्य) शामिल हैं। समिति का गठन प्रभारी प्रबंध संचालक, समग्र शिक्षा के आदेश पर किया गया है। यह समिति दो दिन में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
जानकारी के अनुसार 12 जून 2025 को जेम पोर्टल पर कैटेगरी बिड के माध्यम से प्रशिक्षकों की नियुक्ति के लिए निविदा आमंत्रित की गई थी। इस प्रक्रिया में छह निविदाकार एल-वन के रूप में चयनित हुए, जिन्हें स्प्लिटिंग के माध्यम से ट्रेडवार स्कूल आवंटित किए गए और 11 जुलाई को कार्यादेश जारी कर दिया गया। फर्मों को निर्देश दिए गए थे कि वे 18 जुलाई तक चयनित प्रशिक्षकों की सूची दें और 21 जुलाई तक स्कूलों में कार्यभार ग्रहण कराया जाए।
इन निर्देशों के अनुसार 23 जुलाई को सभी छह फर्मों ने प्रशिक्षकों की सूची विभाग को सौंपी। इसके बाद 22 जुलाई को जिला शिक्षा अधिकारियों को प्रशिक्षकों को कार्यभार दिलाने का निर्देश दिया गया। लेकिन 25 जुलाई को एनएसयूआइ और छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य नर्सिंग संगठन ने नियुक्ति प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए ज्ञापन सौंपा। इसके बाद 28 जुलाई को विभाग को 10 शिकायतें प्राप्त हुईं।
41 पीएम श्री स्कूलों के 1.62 लाख विद्यार्थी प्रभावित
विभागीय आंकड़ों के अनुसार 1,507 स्कूलों में से 1,281 में प्रशिक्षक चयनित किए जा चुके हैं, जिनमें से 844 प्रशिक्षकों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यदि शिकायतें सही पाई जाती हैं तो कार्यादेश रद किए जा सकते हैं, लेकिन इससे 652 व्यावसायिक स्कूलों और 41 पीएम श्री स्कूलों के 1.62 लाख विद्यार्थी प्रभावित हो सकते हैं। जांच प्रतिवेदन के आधार पर ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।