सीजी भास्कर, 1 अगस्त : इंडियन इंस्टीच्यूट आफ टेक्नोलाजी (आइआइटी) खड़गपुर ने अपने कैंपस के हास्टलों में आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए अभूतपूर्व कदम उठाया है। हास्टल के कमरों की अंदरुनी छत से लटकने वाले पंखों की संख्या कम की जाएगी। उनके बदले ऐसे पंखों की व्यवस्था की जाएगी, जिन्हें आत्महत्या करने का जरिया न बनाया जा सके।
संस्थान के निदेशक सुमन चक्रवर्ती ने कहा-यह मानसिक स्वास्थ्य की समस्या का ठोस समाधान तो नहीं है लेकिन नाजुक वक्त में ऐसे उपकरणों का न होना किसी की जिंदगी बचा सकता है। इसके साथ ही ‘कैंपस मदर’ नामक पहल की गई है, जिसके तहत संस्थान की महिला फैकल्टी व कर्मचारी मानसिक रूप से परेशान छात्रों को भावनात्मक समर्थन प्रदान करेंगी। छात्रों को चौबीसों घंटे मनोवैज्ञानिक समर्थन प्रदान करने की भी व्यवस्था की जा रही है। कैंपस में स्थानीय रूप से एक मनोचिकित्सक उपलब्ध रहेगा।
मालूम हो कि आइआइटी खड़गपुर के 21 हास्टल में करीब 16,000 छात्र रहते हैं। जनवरी से अब तक हास्टल में चार छात्रों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है। प्राथमिक तौर पर सभी आत्महत्या के मामले बताए गए हैं। कुछ दिन पहले ही बीटेक के चतुर्थ वर्ष के छात्र का फंदे से लटकता शव बरामद हुआ था।
गत 12 जनवरी को इलेक्ट्रानिक इंजीनियरिंग विभाग के तृतीय वर्ष के छात्र का शव फंदे से लटकती हालत में मिला था। उसके बाद 20 अप्रैल को ओशेन इंजीनियरिंग विभाग के अंतिम वर्ष के छात्र का शव उसके कमरे में फंदे से लटकती हालत में बरामद हुआ था। गत चार मई को तृतीय वर्ष के बीटेक छात्र को भी उसके कमरे में मृत पाया गया था।