सीजी भास्कर, 3 अगस्त : छत्तीसगढ़ में इंस्पेक्टर से पदोन्नत हुए 46 उप पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) अब भी पूर्व की तरह थानों का प्रभार संभाल रहे हैं क्योंकि गृह विभाग अभी तक उनकी नई पदस्थापना का आदेश जारी नहीं कर पाया है। इन 46 अधिकारियों में वे 21 डीएसपी भी शामिल हैं जिन्हें एक माह के लिए बस्तर क्षेत्र में इंडक्शन ट्रेनिंग पर अस्थायी रूप से भेजा गया था। दो महीने बीतने के बाद ये सभी प्रशिक्षण समाप्त कर पुनः अपनी पुरानी पोस्टिंग पर लौट आए हैं। नई पदस्थापना के अभाव में उन्हें अभी भी थानेदार जैसा ही कार्य करना पड़ रहा है।
6 जून को गृह विभाग ने रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, बलौदा बाजार, कोरबा, धमतरी और रायगढ़ में पदस्थ 46 इंस्पेक्टरों को पदोन्नत कर डीएसपी बनाया था। इनमें एटीएस और एसीबी जैसे विशेष शाखाओं के अधिकारी भी शामिल हैं। कुछ ही समय बाद 21 डीएसपी को इंडक्शन कोर्स हेतु बीजापुर, नारायणपुर, कांकेर और दंतेवाड़ा भेजा गया। 31 जुलाई को इन्हें आइजी के मौखिक निर्देश पर पुनः मूल जिलों के लिए रिलीव किया गया, और अधिकतर अधिकारियों ने अपनी ड्यूटी भी संभाल ली है।
नई पदस्थापना आदेश का इंतजार जारी
पदोन्नति के बाद भी दो महीने से नई तैनाती नहीं मिलने के कारण कई डीएसपी निराश हैं। कुछ अधिकारी तो सेवानिवृत्ति की सीमा तक पहुंच चुके हैं। अफसरों को आशंका है कि पहले की तरह इस बार भी ट्रांसफर आदेश जारी होने में देरी हो सकती है या आदेश अटक सकता है। डीपीसी पूरी होने के बावजूद प्रशासनिक निर्णयों में सुस्ती चिंता का विषय बना हुआ है।