रायपुर। राजधानी रायपुर से एक चौंकाने वाली ठगी की खबर सामने आई है। शंकर नगर में क्लिनिक चलाने वाले वरिष्ठ चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ. बी. बालाकृष्णा से 1.5 करोड़ रुपये की ठगी की गई है। कोरोना काल के दौरान मरीज बने मनोज चांवला और उनके पूरे परिवार ने इलाज के बदले नजदीकियां बढ़ाईं और धीरे-धीरे डॉक्टर का भरोसा जीतकर पैसे ठग लिए।
इलाज से विश्वास और फिर धोखा
2021 में कोविड काल के दौरान मनोज चांवला नाम का युवक इलाज के लिए डॉ. बालाकृष्णा के क्लिनिक “एडवांस चेस्ट सेंटर” आया करता था। इलाज के दौरान न केवल मनोज बल्कि उसका पूरा परिवार — पत्नी खुशबू, भाई चेतन, बहन नैना और मां कांता — डॉक्टर के संपर्क में आया। इलाज के साथ-साथ उन्होंने क्लिनिक के प्रबंधन में रुचि दिखाई और फार्मेसी व लैब संभालने का अनुरोध किया।
डॉ. बालाकृष्णा ने भरोसे में आकर परिवार को क्लिनिक से जुड़ी जिम्मेदारियां दे दीं।
निवेश के नाम पर लिया पैसा
इसके बाद मनोज और उसके परिवार ने डॉक्टर को एक प्रस्ताव दिया: “हम आपके पैसे को ट्रेडिंग में निवेश करेंगे, पूंजी सुरक्षित रहेगी और मुनाफा शेयर करेंगे।” डॉक्टर को भरोसा हुआ और उन्होंने किस्तों में 1.5 करोड़ रुपये सौंप दिए। यह राशि डॉक्टर अपने क्लिनिक को अस्पताल में बदलने के लिए जमा कर रहे थे।
पैसा मांगने पर मुकर गए
2022 में जब डॉक्टर ने अपनी राशि वापस मांगी, तो परिवार ने साफ इनकार कर दिया। यहां तक कहा कि “आपने हमें कोई रकम दी ही नहीं।” डॉक्टर के लगातार दबाव पर मनोज चांवला ने एक समझौता किया, जिसमें 1 करोड़ रुपये लौटाने की बात लिखी गई। 10 चेक दिए गए — 15 लाख रुपये के 10 चेक — जो अगस्त 2023 से नवंबर 2023 तक की तारीखों के थे।
चेक भी थे फर्जी, बैंक अकाउंट में बैलेंस नहीं
जांच में सामने आया कि सभी चेक बिना बैलेंस वाले खातों से दिए गए थे। यानी ये सिर्फ दिखावे के लिए थे। डॉक्टर ने बताया कि चांवला परिवार ने केवल उन्हीं के साथ नहीं, बल्कि कई अन्य लोगों से भी करोड़ों की धोखाधड़ी की है।
FIR दर्ज, पुलिस ने शुरू की जांच
डॉ. बालाकृष्णा की शिकायत पर सिविल लाइंस थाना में धारा 409 (अमानत में खयानत), 120B (षड्यंत्र), और 34 (सामूहिक अपराध) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने मनोज, उसकी पत्नी खुशबू और परिवार के बाकी सदस्यों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।