सीजी भास्कर, 12 अगस्त।
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में मकबरा और मंदिर को लेकर चल रहा विवाद अब राजनीति के केंद्र में आ गया है।
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने इस मामले पर बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया और पुलिस पर भेदभाव का आरोप लगाया।
इमरान मसूद ने कहा कि मकबरे में घुसकर तोड़फोड़ करने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
“अगर यह बवाल करने वाले मुसलमान होते, तो उनकी छाती पर गोली मार दी जाती,” उन्होंने आरोप लगाया।
उन्होंने बीजेपी नेताओं पर हिंसा फैलाने के बाद अब “सौहार्दपूर्ण समाधान” की बात करने का आरोप लगाया और कहा कि समाज में नफरत फैलाने की राजनीति आने वाली पीढ़ियों को नुकसान पहुंचाएगी।

विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि यह घटना बीजेपी के कमजोर होते जनाधार की निशानी है।
“जब बीजेपी की पोल खुलती है, तो वे सौहार्द बिगाड़ने की साज़िश करते हैं। जनता अब इन चालों में नहीं फंसेगी।”
बसपा प्रमुख मायावती ने भी एक्स (ट्विटर) पर लिखा कि –
किसी भी समुदाय को ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे साम्प्रदायिक तनाव बढ़े। उन्होंने सरकार से गंभीरता से मामले को देखने और जरूरत पड़ने पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
बीजेपी का पलटवार
यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा —
“सपा-कांग्रेस की नीति रही है, फूट डालो और राज करो। बीजेपी का संकल्प है – तुष्टिकरण किसी का नहीं, संतुष्टिकरण सबका।”
उन्होंने दावा किया कि फतेहपुर की स्थिति सामान्य है और सरकार कानून-व्यवस्था को लेकर सतर्क है।
क्या है फतेहपुर विवाद?
फतेहपुर के एक ढांचे को लेकर हिंदू पक्ष इसे भगवान शिव और श्रीकृष्ण का मंदिर बता रहा है, जबकि मुस्लिम पक्ष इसे नवाब अब्दुल समद का मकबरा मानता है।
सोमवार को सैकड़ों लोग अंदर घुसकर तोड़फोड़ कर चुके हैं। तनाव को देखते हुए इलाके में भारी पुलिस बल तैनात है।