सीजी भास्कर, 17 अगस्त | देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंकों में से एक HDFC Bank ने अपने सेविंग्स अकाउंट धारकों के लिए बड़े बदलाव किए हैं। अब ग्राहकों को महीने में सिर्फ 4 फ्री कैश ट्रांजेक्शन मिलेंगे। इसके बाद हर अतिरिक्त ट्रांजेक्शन पर ₹150 का शुल्क देना होगा। नया नियम 1 अगस्त 2025 से लागू हो गया है। बैंक का कहना है कि यह कदम ग्राहकों को डिजिटल पेमेंट की ओर बढ़ावा देने और कैश पर निर्भरता कम करने के लिए उठाया गया है।
क्या बदले हैं HDFC Bank के कैश ट्रांजेक्शन नियम?
- पहले ग्राहकों को 2 लाख रुपये तक कैश ट्रांजेक्शन मुफ्त मिलते थे, अब यह लिमिट घटाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है।
- हर महीने सिर्फ 4 फ्री कैश ट्रांजेक्शन की सुविधा होगी।
- 4 से ज्यादा कैश ट्रांजेक्शन करने पर ₹150 प्रति ट्रांजेक्शन चार्ज लगेगा।
- अगर कोई ग्राहक महीने में 1 लाख रुपये से अधिक कैश ट्रांजेक्शन करता है तो उस पर ₹5 प्रति ₹1,000 के हिसाब से शुल्क लगेगा, जिसकी न्यूनतम राशि ₹150 होगी।
NEFT, RTGS और IMPS पर भी नए चार्ज
HDFC Bank ने डिजिटल लेन-देन सेवाओं पर भी शुल्क संरचना में बदलाव किया है।
NEFT (National Electronic Funds Transfer)
- ₹10,000 तक: ₹2
- ₹10,000 से ₹1 लाख तक: ₹4
- ₹1 लाख से ₹2 लाख तक: ₹14
- ₹2 लाख से अधिक: ₹24
RTGS (Real Time Gross Settlement)
- ₹2 लाख से ₹5 लाख तक: ₹20
- ₹5 लाख से अधिक: ₹45
IMPS (Immediate Payment Service)
- ₹1,000 तक: ₹2.50
- ₹1,000 से ₹1 लाख तक: ₹5
- ₹1 लाख से अधिक: ₹15
अन्य सेवाओं पर भी बदलाव
- बैलेंस सर्टिफिकेट, इंटरेस्ट सर्टिफिकेट और एड्रेस सर्टिफिकेशन: ₹100 (सीनियर सिटीजन: ₹90)
- पुराने रिकॉर्ड या चेक की कॉपी: ₹80 (सीनियर सिटीजन: ₹72)
- PIN रीजनरेशन अब पूरी तरह मुफ्त (पहले ₹40 लगता था)
- चेकबुक नियम: अब साल में सिर्फ एक 10 पन्नों की चेकबुक मुफ्त, उसके बाद अतिरिक्त पन्नों पर ₹4 प्रति पन्ना शुल्क (सीनियर सिटीजन को राहत)।
ग्राहकों पर असर
HDFC Bank के ये नए नियम खासकर उन ग्राहकों को प्रभावित करेंगे जो अब भी नकद लेन-देन पर ज्यादा निर्भर रहते हैं। छोटे कारोबारी और मिडिल क्लास ग्राहक, जो नियमित रूप से कैश जमा/निकासी करते हैं, उन्हें अब अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा। बैंक का मकसद ग्राहकों को UPI, नेट बैंकिंग और कार्ड पेमेंट जैसे डिजिटल विकल्पों की ओर प्रोत्साहित करना है।