सीजी भास्कर 19 अगस्त। आंध्र प्रदेश में अब एयरपोर्ट में बार खोले जाएंगे। सरकार ने अपनी नई बार नीति 2025-28 जारी की है।
इसके तहत अब राज्य के सभी एयरपोर्ट पर बार खोलने की इजाजत दी जाएगी।
तिरुपति के अलावा बाकी सभी एयरपोर्ट पर बार खोलने की अनुमति दी जाएगी। यह नई बार नीति, जिसे जीओ एमएस नंबर 275 के जरिए से जारी किया गया है।
इसका मकसद बार के संचालन को वित्तीय रूप से टिकाऊ और ट्रांसपेरंट बनाना है।
यह नीति 1 सितंबर 2025 से 31 अगस्त 2028 तक प्रभावी रहेगी।
क्या होगी बार खोलने की प्रक्रिया?
इस नीति के तहत अब नियम आसान कर दिए गए हैं। बार खोलने के लिए पहले से रेस्टोरेंट होना जरूरी नहीं है।
लेकिन, अगर आप बार खोलना चाहते हैं तो एयरपोर्ट ऑपरेटर को आपके नाम की सिफारिश करनी होगी।
इसी के बाद बार के लिए सफल आवेदकों को 15 दिनों के अंदर अपना बार शुरू करना होगा।
हर बार के लिए कम से कम 4 मान्य आवेदन होने चाहिए, ताकि लॉटरी (ड्रॉ) सही तरह से हो सके.धार्मिक स्थल पर नहीं खोले जाएंगे।
बार नीति के अनुसार बार की अनुमति शहरी स्थानीय निकायों (ULBs), उनके बेल्ट क्षेत्रों और अधिसूचित टूरिज्म केंद्रों में होगी, लेकिन धार्मिक पर्यटन स्थलों पर बार खोलने की इजाजत नहीं होगी।
तिरुपति में खास नियम लागू होंगे। यहां एयरपोर्ट पर बार खोलने की अनुमति नहीं होगी और शहर के बाकी हिस्सों में भी इसको लेकर कड़े प्रावधान रहेंगे।
कितना होगा लाइसेंस शुल्क?
इस नीति के तहत लाइसेंस शुल्क को जनसंख्या के हिसाब से तय किया गया है:
50,000 से कम आबादी वाले क्षेत्रों में ₹35 लाख50,001 से 5 लाख आबादी वाले क्षेत्रों में ₹55 लाख5 लाख से ज्यादा वाली आबादी वाले क्षेत्रों में ₹75 लाख।
हर साल इसमें 10% की बढ़ोतरी होगी। इस नीति के तहत अब आप किस्तों में भी रकम चुका सकते हैं।
इसका मकसद हर क्षेत्र में आर्थिक रूप से टिकाऊ संचालन सुनिश्चित करना है।
भुगतान की सुविधा के लिए फीस को 6 बराबर किस्तों में जमा किया जा सकता है, जिसमें से एक किस्त के बराबर बैंक गारंटी देनी होगी।
साथ ही आवेदन शुल्क को सभी के लिए ₹5 लाख और ₹10,000 प्रोसेसिंग फीस रखा गया है।
सभी बार लाइसेंस सार्वजनिक लॉटरी (ड्रॉ ऑफ लॉट्स) के जरिए से दिए जाएंगे, ताकि पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी रहे।
किसी भी बार को ड्रॉ में शामिल करने के लिए कम से कम चार आवेदकों का होना जरूरी है।