टीकमगढ़ (मध्य प्रदेश)।
बिहार में चल रहे SIR (Special Revision of Electoral Roll) और वोट चोरी के आरोपों के बीच अब मध्य प्रदेश से बड़ी खबर आई है। टीकमगढ़ में केंद्रीय मंत्री और सांसद डॉ. वीरेन्द्र खटीक के घर के पास से करीब आधा सैकड़ा वोटर आईडी कार्ड मिलने का मामला सामने आया है। इस खुलासे के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है।
मंत्री के प्रतिनिधि बोले – “यह साजिश है”
केंद्रीय मंत्री के प्रतिनिधि विवेक चतुर्वेदी ने इसे विपक्षी साजिश बताया। उनका कहना है कि मंत्री की छवि खराब करने के मकसद से यह षड्यंत्र रचा गया है।
चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि पास में रहने वाले स्वास्थ्य विभाग के एक सरकारी कर्मचारी ने इन कार्डों को वहां फेंका। उन्होंने CCTV फुटेज का हवाला भी दिया, जिसमें एक महिला कचरे जैसा कुछ फेंकती नजर आ रही है। हालांकि फुटेज में वोटर आईडी साफ दिखते नहीं हैं।
प्रशासन का दावा – पुराने हैं कार्ड
इस पूरे मामले पर प्रशासन की ओर से बड़ा बयान आया है। तहसीलदार सतेंद्र सिंह गुर्जर ने बताया कि मिले हुए सभी वोटर आईडी कार्ड साल 2011 में बने थे। निर्वाचन शाखा इनकी जांच कर रही है और रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।
उठ रहे हैं कई सवाल
यह घटना कई गंभीर सवाल खड़े कर रही है –
- इतने पुराने वोटर आईडी एक साथ यहां कैसे पहुंचे?
- क्या इनका किसी राजनीतिक मकसद से इस्तेमाल होना था?
- ठीक उसी वक्त जब बिहार में वोट चोरी और SIR विवाद छाया हुआ है, तब केंद्रीय मंत्री के घर के पास इतने कार्ड मिलना क्या सिर्फ इत्तेफाक है?
राष्ट्रीय राजनीति से जुड़ा मामला
गौरतलब है कि इन दिनों बिहार के SIR और वोट चोरी विवाद को लेकर विपक्ष ने चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी आरोप लगाया था कि चुनाव में वोट चोरी हुई है और इसको लेकर उन्होंने सबूत पेश किए थे।
अब मध्य प्रदेश से आए इस मामले ने विपक्ष को नया मुद्दा थमा दिया है और सियासी तापमान और बढ़ गया है।