सीजी भास्कर, 29 अगस्त : केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की ओर से गुरुवार को जारी ड्रग अलर्ट में देशभर की 143 दवाओं के सैंपल गुणवत्ता पर खरे नहीं उतरे हैं। यह मामला (Drug Quality Alert) गंभीर बीमारियों से जुड़े मरीजों के लिए चिंता का विषय बन गया है। इसमें हिमाचल में बनी 61 दवाएं खराब पाई गई हैं। इन दवाओं में दिल के मरीजों के लिए उपयोग होने वाली दवाएं भी शामिल हैं।
इसके अलावा गंभीर बीमारियों से जुड़ी आठ नकली दवाओं का अलर्ट भी जारी किया गया है। नकली दवाएं कंपनी के नाम की नकल कर बनाई गई हैं। सीडीएससीओ और राज्य नियामक एजेंसियां बाजार से इन नकली और खराब गुणवत्ता वाली दवाओं को हटाने में जुट गई हैं। यह मामला (Drug Quality Alert) स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
उत्तराखंड के सर्व फार्मास्यूटिकल उद्योग में हाई बीपी व दिल की धड़कन को नियंत्रित करने वाली दवा मीटोप्रोलोल ससिनेट और एम्लोडिपाइन बेसिलेट का बैच नंबर 77बीजी06 का सैंपल फेल हुआ है। उत्तराखंड के स्काई मैप फार्मास्यूटिकल उद्योग में शुगर टाइप दो को नियंत्रित करने वाली दवा पायोग्लीटाजोन हाइड्रोक्लोराइड बैच नंबर एसपीए250363 गुणवत्ता मानकों पर सही नहीं मिली।
इसी उद्योग की दिल व बीपी के लिए बनाई अटेनोआन दवा बैच नंबर एसपीए241386 फेल हुई है। उत्तराखंड के यूनाइटेड बायोस्यूटिकल्स में अस्थमा, सूजन व कैंसर के उपचार के लिए उपयोग होने वाली डेक्सामिथासोन दवा बैच नंबर टी242704 का सैंपल फेल पाया गया। हिमाचल के बद्दी स्थित मार्टिन एंड ब्राउन बायो साइंसेज की सांस की दिक्कत व अस्थमा के लिए बनी दवा एमिनोफिलाइन इंजेक्शन बैच नंबर एमए24जी125 में धूल व मिट्टी के कण मिले। यह मामला (Drug Quality Alert) लोगों के लिए गंभीर चेतावनी है।
सीडीएससीओ के अलर्ट में हिमाचल की सर्वाधिक 61 दवाओं के सैंपल फेल पाए गए हैं। उत्तराखंड की 24, गुजरात की 10, हरियाणा व मध्य प्रदेश की आठ-आठ, पंजाब की पांच, तेलंगाना की चार, कोलकाता व जम्मू-कश्मीर की तीन-तीन, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, राजस्थान की दो-दो, बिहार व गोवा की एक-एक दवा शामिल है। अन्य दवाएं पूर्वोत्तर राज्यों की हैं।
फेल पाए गए कुछ दवाओं के नाम
उर्सोडिआक्सीकोलिक एसिड, नारएपिनेफ्रिन बिटारटेट इंजेक्शन, अट्रोपाइन सल्फेट इंजेक्शन, क्लोपिरास 75 टैबलेट, माइग्रेनएप-डी, पैरोक्सेटीन हाइड्रोक्लोराइड, हेपारिन इंजेक्शन।
