सीजी भास्कर, 02 सितम्बर। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों की शिकायतों और समस्याओं के समाधान के लिए एक समर्पित (Farmers Grievance Portal) पोर्टल शुरू करने की घोषणा की है।
अब तक शिकायतें अलग-अलग पोर्टलों और कॉल सेंटरों के जरिए बिखरी हुई आती थीं, जिन पर कार्रवाई की रफ्तार धीमी और ट्रैकिंग बेहद कठिन हो जाती थी।
नया एकीकृत पोर्टल किसानों को न केवल रीयल टाइम समाधान देगा, बल्कि केंद्र सरकार को शिकायतों का केंद्रीकृत डाटा भी उपलब्ध कराएगा।
यह कदम केवल तकनीकी सुविधा भर नहीं है, बल्कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने की दिशा में एक बड़ी पहल माना जा रहा है।
दिल्ली में कृषि मंत्रालय की एक उच्चस्तरीय बैठक में सामने आया कि किसानों की अधिकांश शिकायतें घटिया खाद, बीज और कीटनाशकों से जुड़ी हुई हैं।
यह समस्या केवल आपूर्ति शृंखला की निगरानी में कमी नहीं, बल्कि राज्यों की निष्क्रियता और मिलावटखोर कंपनियों की बेलगाम गतिविधियों का नतीजा है।
कृषि मंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि ऐसी शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जाए और राज्यों को भी इसमें सक्रिय भूमिका निभानी होगी। दूसरी गंभीर चुनौती प्राकृतिक आपदा है। पंजाब समेत कई राज्यों में बाढ़ से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
मंत्री का बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा करने का ऐलान और प्रभावित किसानों को हरसंभव सहायता का आश्वासन इस बात को दर्शाता है कि (Farmers Grievance Portal) केंद्र की प्राथमिकताओं में किसानों की सुरक्षा सबसे ऊपर है।
लेकिन असली परीक्षा इस राहत को समय पर और पारदर्शी तरीके से जमीन पर उतारने की होगी। किसानों के बीच अक्सर राहत प्रक्रिया को लेकर अविश्वास बना रहता है, जिसे दूर करना सरकार की जिम्मेदारी है।
खरीफ बुवाई में वृद्धि और बागवानी फसलों की स्थिति पर हुई चर्चा इस तथ्य की ओर इशारा करती है कि सरकार अब पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर समेकित कृषि को प्रोत्साहित करना चाहती है।
कम लागत में अधिक उत्पादन की दिशा में यह रणनीति दीर्घकालिक रूप से किसानों की आमदनी बढ़ाने में सहायक साबित हो सकती है।
समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और फसल बीमा योजना से जुड़ी शिकायतों पर भी गंभीरता से विचार किया गया।
ये दोनों योजनाएं सीधे किसानों की आर्थिक सुरक्षा से जुड़ी हुई हैं और इनके क्रियान्वयन में थोड़ी सी भी लापरवाही किसानों के विश्वास को हिला सकती है।
यही कारण है कि मंत्री ने अधिकारियों को किसानों से सीधा फीडबैक लेने और (Farmers Grievance Portal) पर उसे दर्ज करने के निर्देश दिए।