सीजी भास्कर 4 सितंबर
इंदौर। मध्य प्रदेश पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। जांच में सामने आया कि कई बांग्लादेशी नागरिक अवैध तरीके से इंदौर में रह रहे हैं। इतना ही नहीं, इनमें से एक महिला के रिश्तेदार ने तो भारतीय सेना में भर्ती होकर नौकरी भी हासिल कर ली है।
यह जानकारी सामने आने के बाद इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और अन्य राष्ट्रीय एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं। फिलहाल इंदौर से एक बांग्लादेशी महिला को डिपोर्ट किया जा चुका है, जबकि दो अन्य महिलाओं को आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में हिरासत में लिया गया है।
SIT की रिपोर्ट ने खोले कई राज़
डीसीपी डॉ. हंसराज की देखरेख में गठित SIT ने पिछले महीने जांच के लिए पश्चिम बंगाल का दौरा किया था। जांच में पता चला कि कई बांग्लादेशी नागरिक फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड बनवाकर इंदौर में रह रहे हैं।
इस दौरान काकद्वीप (कोलकाता) का रहने वाला सौरभ दास भी चिन्हित किया गया। बताया जाता है कि सौरभ के दादा कई साल पहले घुसपैठ कर भारत आए थे और अब भी दक्षिण 24 परगना जिले में रहते हैं।
सौरभ ने इंदौर में मकान बना लिया था और एक बांग्लादेशी युवती से शादी भी की थी। पुलिस ने युवती को शाजापुर से गिरफ्तार कर डिपोर्ट कर दिया, लेकिन सौरभ फरार हो गया।
सेना में नौकरी पर गंभीर सवाल
सबसे बड़ा खुलासा तब हुआ जब SIT को पता चला कि सौरभ की बहन प्रभा का बेटा भारतीय सेना में कार्यरत है। इस बात ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और बढ़ा दी है, क्योंकि यह सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है।
बंगाल पुलिस ने SIT को रोका
जांच के लिए गई SIT टीम को स्थानीय विरोध का सामना करना पड़ा। दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना के लोगों ने जांच का विरोध किया। इतना ही नहीं, बंगाल पुलिस ने भी SIT को रोककर दिनभर थाने में बैठाए रखा। बाद में वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद ही टीम को छोड़ा गया।
नतीजा और आगे की कार्रवाई
इस पूरी जांच के बाद अब राष्ट्रीय एजेंसियां मामले की पड़ताल कर रही हैं। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि अगर बांग्लादेशी घुसपैठिए सेना में भर्ती हो चुके हैं, तो यह देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकता है।