सीजी भास्कर, 05 सितंबर। उत्तराखंड में इस समय बारिश और भूस्खलन ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कई जगहों पर सड़कें पूरी तरह टूट गई हैं और आवागमन बाधित हो गया है।
इसी बीच पढ़ाई के जज्बे की मिसाल पेश करते हुए राजस्थान के चार छात्रों ने हार नहीं मानी और हेलीकॉप्टर से परीक्षा केंद्र तक पहुंचे। परीक्षा देने के लिए इन युवाओं को कुल 40 हजार रुपये खर्च करने पड़े।
भूस्खलन से टूटी सड़क, हेलीकॉप्टर बना सहारा
राजस्थान के बालोतरा क्षेत्र के रहने वाले ओमाराम जाट, मागाराम जाट, प्रकाश गोदारा जाट और नरपत कुमार को उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी की बीएड परीक्षा देनी थी।
लेकिन भारी बारिश और भूस्खलन के कारण सड़क मार्ग पूरी तरह बाधित हो गया। हालत यह थी कि हल्द्वानी से मुनस्यारी स्थित परीक्षा केंद्र तक पहुंचना नामुमकिन हो गया।
छात्रों ने चुना आसमान का रास्ता
मुश्किल हालात में भी इन छात्रों ने हार नहीं मानी। हल्द्वानी से मुनस्यारी तक चल रही हेली सेवा से संपर्क किया गया और फिर सभी छात्र हेलीकॉप्टर के जरिए परीक्षा केंद्र पहुंचे। एग्जाम खत्म होने के बाद वे वापस भी हेलीकॉप्टर से ही लौटे।
प्रति छात्र 10 हजार का खर्च
हेली सेवा का एक तरफ का किराया 5,200 रुपये है। यानी आने-जाने में प्रति छात्र करीब 10,400 रुपये खर्च हुए।
कुल मिलाकर चारों छात्रों ने 41,600 रुपये चुकाए। छात्रों का कहना है कि भले ही जेब पर बोझ पड़ा, लेकिन उनकी मेहनत और एक साल का समय बच गया।
शिक्षा के प्रति जुनून बनी मिसाल
परीक्षा केंद्र से लौटते हुए छात्रों ने बताया कि उन्होंने CEO और पायलट का धन्यवाद किया।
उनका कहना था कि अगर यह सेवा उपलब्ध न होती तो उनकी परीक्षा छूट जाती और एक साल बर्बाद हो जाता। इस घटना ने साफ कर दिया कि अगर लगन और इच्छाशक्ति हो, तो मुश्किल रास्ते भी आसान हो जाते हैं।