सीजी भास्कर, 05 सितंबर। बाघ के हमले में एक बुजुर्ग की जान (Tiger Attack) बाघ के हमले में बुजुर्ग की मौत, आठ माह में आठवीं बार बनाया शिकार चली गई। यह घटना गुरुवार देर शाम की है, जब 61 वर्षीय सेवकराम गौपाले अपने मवेशी चराने के बाद घर लौट रहे थे।
अचानक (Tiger Attack) आबादी वाले क्षेत्र की सड़क पर हुआ और देखते ही देखते उन्होंने बुजुर्ग को निशाना बना लिया। ग्रामीणों के अनुसार, यह घटना उस समय घटी जब सेवकराम अंबेझरी-देवरी मार्ग से होकर गुजर रहे थे।
मामला मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के वन परिक्षेत्र कटंगी का है।
आसपास मौजूद लोगों ने शोर मचाकर किसी तरह बाघ को जंगल की ओर खदेड़ा।
घायल सेवकराम को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
वहां इलाज के दौरान गुरुवार-शुक्रवार की देर रात उन्होंने दम तोड़ दिया। उनकी मौत के बाद पूरे गांव में दहशत और आक्रोश का माहौल है।
वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक कटंगी वन परिक्षेत्र में बीते आठ माह में यह आठवीं जानलेवा (Tiger Attack) की घटना है। लगातार हो रही इन घटनाओं से ग्रामीणों में भय व्याप्त है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बाघ अक्सर गांव के आसपास घूमते रहते हैं और मवेशियों के साथ-साथ अब इंसानों को भी निशाना बना रहे हैं।
ग्रामीणों ने वन विभाग से सुरक्षा के ठोस उपाय करने और बाघ को सुरक्षित क्षेत्र में भेजने की मांग की है।
वन विभाग ने घटना की जांच शुरू कर दी है और प्रभावित परिवार को मुआवजा देने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि क्षेत्र में बाघों की गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
हालांकि, लगातार हो रही घटनाओं से साफ है कि इंसान और बाघ के बीच टकराव गहराता जा रहा है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि जंगलों में शिकार की कमी और मानव बस्तियों के विस्तार के कारण इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं। यदि जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए तो भविष्य में (Tiger Attack) की ऐसी घटनाएं और ज्यादा देखने को मिल सकती हैं।