सीजी भास्कर, 6 सितंबर। 7 सितंबर यानी कल भारत में साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है।
यह चंद्र ग्रहण पूरे देश में दिखाई देगा और ज्योतिषियों के अनुसार इसका विशेष महत्व है (Chandra Grahan 2025)।
इस बार के चंद्र ग्रहण पर 100 साल बाद पितृ पक्ष का संयोग भी बन रहा है, जो इसे और भी विशेष बनाता है। (Chandra Grahan 2025 Date Sutak kaal in India)
इस बार लगने वाला पूर्ण चंद्र ग्रहण शनि की राशि कुंभ और गुरु के नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद में होगा।
ज्योतिषियों का मानना है कि यह ग्रहण सिंह, कन्या, तुला और वृश्चिक राशि के जातकों पर विशेष प्रभाव डालेगा।
7 सितंबर की रात 8:59 बजे से चंद्रमा पर हल्की छाया पड़ना शुरू होगी, जिसे पेनब्रा स्टेज कहते हैं। सूतक काल ग्रहण के 9 घंटे पहले से माना जाएगा, यानी दोपहर 12:57 बजे से। (Chandra Grahan 2025 sutak timings)
चंद्र ग्रहण का आरंभ रात 9:58 बजे होगा और समापन 8 सितंबर की आधी रात 1:26 बजे होगा।
सबसे महत्वपूर्ण समय यानी पीक टाइमिंग रात 11:42 बजे रहेगी। भारत में इस ग्रहण की कुल अवधि लगभग 3 घंटे 28 मिनट की होगी।
ग्रहण के दौरान राहु का नक्षत्र शतभिषा से शुरुआत होगी और गुरु के नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद पर इसका समापन होगा। सूर्य, शनि और गुरु जैसे बड़े ग्रहों का महासंयोग बन रहा है। राहु और चंद्रमा का साथ, रविवार का दिन और मंगल का प्रभाव इस ग्रहण को और महत्वपूर्ण बनाता है।
Chandra Grahan 2025 When and where to watch
ज्योतिषियों के अनुसार इस ग्रहण का भारत पर असर राजनीतिक और प्रशासनिक क्षेत्र में भी दिख सकता है।
पूर्णिमा पर लगने वाला ग्रहण प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बढ़ा सकता है।
खासकर बाढ़, भारी बारिश और पहाड़ी इलाकों में तबाही के संकेत हैं। इसका असर लोगों और जानवरों दोनों पर होगा।
सूतक काल के दौरान अन्न और भोजन का त्याग करना चाहिए।
नकारात्मक कार्यों से बचें और आध्यात्मिक चिंतन करें। ध्यान, रामचरितमानस का पाठ और शिव मंत्रों का जाप करना लाभकारी रहेगा।
बचा हुआ भोजन में तुलसी का पत्ता डालना चाहिए। (Chandra Grahan 2025 Effect On India)
ग्रहण के दौरान केवल भगवान के मंत्रों का जाप करें। ग्रहण के बाद शुद्ध जल से स्नान करें और गरीबों को दान दें। मंदिरों में जाकर पंडितों को वस्त्र दान करें।
गायों को घास, पक्षियों को अन्न और जरूरतमंदों को वस्त्र देने से पुण्य प्राप्त होता है।
इस बार के चंद्र ग्रहण के दौरान पूरी सावधानी और धार्मिक उपाय अपनाने की सलाह दी जा रही है।
ज्योतिषियों का कहना है कि सूतक काल और ग्रहण का पालन करना व्यक्ति की भलाई और सुरक्षा के लिए आवश्यक है।