रायपुर/बिलासपुर, 09 सितम्बर 2025।
उत्तर–पूर्व भारत में कनेक्टिविटी का नया अध्याय लिखते हुए (Sairang Rail Project Mizoram) को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। आज़ादी के 78 साल बाद यह पहला मौका है जब मिज़ोरम की राजधानी आइजोल सीधे राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जुड़ गई है।
51.38 किमी लंबा रेल मार्ग, चार चरणों में पूरा
करीब 51.38 किलोमीटर लंबी यह रेल लाइन असम के बइरबी से शुरू होकर मिज़ोरम के सायरंग तक जाती है। इसे चार चरणों में विकसित किया गया –
- बइरबी – हरतकी (16.72 किमी)
- हरतकी – कावनपुई (9.71 किमी)
- कावनपुई – मुअलखांग (12.11 किमी)
- मुअलखांग – सायरंग (12.84 किमी)
इस दौरान (Sairang Rail Project Mizoram) के तहत 4 नए स्टेशन – हरतकी, कावनपुई, मुअलखांग और सायरंग बनाए गए हैं। सभी स्टेशन आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं और यात्री तथा माल गाड़ियों की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं।
8071 करोड़ की लागत और इंजीनियरिंग की चुनौती
करीब 8071 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह परियोजना भारत की सबसे कठिन इंजीनियरिंग परियोजनाओं में गिनी जा रही है। पहाड़ी इलाकों, घने जंगलों और लगातार बारिश के बावजूद काम तय समय पर पूरा हुआ।
इस रेल लाइन में 48 सुरंगें (12,853 मीटर), 55 बड़े पुल, 87 छोटे पुल, 5 रोड ओवर ब्रिज (ROB) और 6 रोड अंडर ब्रिज (RUB) तैयार किए गए हैं। इनमें सबसे खास है पुल संख्या 196, जिसकी ऊँचाई 114 मीटर है, यानी कुतुब मीनार से भी 42 मीटर ज़्यादा।
राजधानी आइजोल तक सीधा संपर्क
(Sairang Rail Project Mizoram) राजधानी आइजोल तक पहुँचने का रास्ता खोलता है। मिज़ोरम की सीमाएं म्यांमार और बांग्लादेश से लगी हुई हैं, इसलिए इस प्रोजेक्ट को सामरिक दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है।
व्यापार, उद्योग और रोज़गार को नई दिशा
रेल कनेक्टिविटी मिलने से मिज़ोरम का असम और शेष भारत से संपर्क आसान होगा। आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति तेज़ी से होगी, व्यापार व उद्योग को गति मिलेगी और स्थानीय उत्पादों को बड़े बाज़ार तक पहुँचने का अवसर मिलेगा। इसके साथ ही पर्यटन को भी नया आयाम मिलेगा, जिससे रोजगार और आजीविका के स्थायी अवसर बनेंगे।
‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की ओर कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 नवम्बर 2014 को इस परियोजना की आधारशिला रखी थी। आज इसके पूर्ण होने पर यह सिर्फ एक रेल लाइन नहीं बल्कि सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास का प्रतीक है। (Sairang Rail Project Mizoram) वास्तव में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प को साकार करने वाला कदम है।