सीजी भास्कर, 11 सितंबर। बॉलीवुड से एक और बड़ी कानूनी जंग की शुरुआत हो चुकी है।
पहले अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन ने अपने व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया। अब उनके पति व अभिनेता अभिषेक बच्चन भी उसी राह पर चल पड़े हैं।
उन्होंने अपने नाम, तस्वीर और आवाज़ के अनाधिकृत इस्तेमाल को रोकने की मांग की है। अदालत में मामला सामने आते ही चर्चाओं का दौर तेज हो गया है।
फिल्म इंडस्ट्री में (Personality Rights Protection) को लेकर लगातार चिंता जताई जा रही है।
बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति तेजस कारिया की पीठ ने साफ किया कि इस मामले पर अंतरिम आदेश पारित किया जाएगा।
हालांकि, विस्तृत सुनवाई के लिए इसे 15 जनवरी 2026 तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
इसी दिन ऐश्वर्या राय बच्चन की याचिका भी सूचीबद्ध है। अदालत की टिप्पणी से साफ है कि इस मुद्दे को गंभीरता से लिया जा रहा है और आने वाले समय में इसका असर बॉलीवुड और विज्ञापन जगत दोनों पर पड़ेगा।
अब सबसे बड़ा सवाल यह था कि आखिर अभिषेक बच्चन अदालत क्यों पहुंचे?
दरअसल, उन्होंने अदालत को बताया कि उनकी तस्वीरों और वीडियो से छेड़छाड़ की जा रही है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से उनके नकली वीडियो बनाए गए हैं और चेहरे के साथ छेड़छाड़ कर आपत्तिजनक कंटेंट तैयार किया जा रहा है।
यह न सिर्फ उनके करियर बल्कि निजी छवि पर भी सीधा हमला है।
अभिषेक की ओर से पेश अधिवक्ता प्रवीण आनंद ने दलील दी कि –
उनके मुवक्किल को कई फिल्मफेयर अवार्ड मिल चुके हैं और ऐसे में इस तरह का (AI Generated Misuse) उनकी प्रतिष्ठा को गहरी क्षति पहुंचा रहा है।
गौरतलब है कि एक दिन पहले मंगलवार को ऐश्वर्या राय बच्चन ने भी अपने व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा के लिए अदालत में याचिका लगाई थी।
उन्होंने स्पष्ट किया था कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर उनकी तस्वीरों और नाम का गलत इस्तेमाल हो रहा है और AI की मदद से अश्लील सामग्री बनाई जा रही है।
अदालत में ऐश्वर्या की याचिका और अभिषेक की याचिका एक साथ सुनी जाएगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के मामले भविष्य में (Image Misuse Case) का महत्वपूर्ण उदाहरण बन सकते हैं।
इससे पहले 2023 में बच्चन दंपती की बेटी आराध्या बच्चन ने भी अदालत का सहारा लिया था।
उनके स्वास्थ्य से जुड़ी भ्रामक खबरों के खिलाफ हाई कोर्ट ने तुरंत आदेश दिया था।
अब उसी कड़ी में बच्चन परिवार के अन्य सदस्य भी अपने अधिकार सुरक्षित करने के लिए कोर्ट पहुंचे हैं।
पीठ ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि अगर यूआरएल को आदेश का हिस्सा बनाया जाता है, तो यह सार्वजनिक हो जाएगा और व्यक्तित्व अधिकारों को और नुकसान हो सकता है।
इसलिए अदालत इस मामले को बेहद सतर्कता के साथ देख रही है। माना जा रहा है कि आने वाले महीनों में अदालत का फैसला डिजिटल कंटेंट और (Celebrity Rights Violation) पर बड़ा प्रभाव डालेगा।
