सीजी भास्कर, 13 सितंबर। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी (paddy procurement Chhattisgarh) प्रक्रिया में इस बार बड़ा बदलाव होने जा रहा है। राज्य सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए नई व्यवस्था लागू करने का फैसला लिया है। धान तस्करी पर रोक लगाने के लिए स्पेशल टीम बनाई जाएगी और किसानों का पंजीकरण अब एग्रीस्टेक पोर्टल और एकीकृत किसान पोर्टल पर होगा। इस निर्णय पर मुहर शुक्रवार को मंत्रालय महानदी भवन में हुई मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक में लगी। बैठक की अध्यक्षता खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने की।
अब डिजिटल पंजीकरण, फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक
अब तक किसानों का पंजीकरण समिति और सहकारी संस्थाओं के स्तर पर होता था, जहां लंबी कागजी प्रक्रिया के कारण दोहरे पंजीकरण, फर्जी किसानों के नाम पर धान((paddy procurement Chhattisgarh)) बेचने और रिसाइक्लिंग जैसी समस्याएं सामने आती थीं। यही वजह थी कि किसानों को भुगतान में देरी भी होती थी।
नए सिस्टम में किसान की जमीन का ब्यौरा और पहचान डिजिटल डेटाबेस से जुड़ा होगा। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और खरीदी व भुगतान की रियल टाइम मॉनिटरिंग संभव होगी। किसानों को अब समर्थन मूल्य का भुगतान सीधे बैंक खाते में तय समय पर मिलेगा।
सीमावर्ती जिलों में निगरानी और तस्करी रोकने स्पेशल टीम
धान खरीदी(paddy procurement Chhattisgarh) के दौरान सबसे बड़ी चुनौती सीमावर्ती जिलों से आने वाला अवैध धान रही है। इस पर रोक लगाने के लिए इस बार क्रॉस वेरिफिकेशन सिस्टम और स्पेशल टीम की तैनाती होगी। विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि समय पर नए और पुराने जूट बारदाने की उपलब्धता सुनिश्चित करें। साथ ही, उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग के लिए मिलों को पहले से तैयार किया जाएगा।
बैठक में मौजूद मंत्री और अधिकारी
बैठक में खाद्य मंत्री दयालदास बघेल के साथ कृषि मंत्री रामविचार नेताम, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा, खाद्य विभाग की सचिव रीना बाबा साहेब कंगाले, वित्त विभाग के सचिव मुकेश बंसल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।