सीजी भास्कर, 14 सितंबर। रातोंरात एक ऐसा मामला सामने आया जिसने पूरे जिले का माहौल गर्मा दिया। वॉट्सऐप ग्रुप (Social Media Controversy) पर हुई कुछ पंक्तियों ने न सिर्फ लोगों की भावनाओं को झकझोर दिया, बल्कि समाज में गहरी नाराज़गी भी पैदा कर दी। लोग हैरान थे कि आखिर इतनी बड़ी शख्सियत पर ऐसी अभद्र टिप्पणी किसने और क्यों की।
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ वॉट्सऐप ग्रुप में की गई आपत्तिजनक टिप्पणी (Social Media Controversy) ने विवाद खड़ा कर दिया है। मामले की जानकारी मिलते ही भीम आर्मी भारत एकता मिशन सक्रिय हो गई और थाने के साथ-साथ साइबर सेल में लिखित शिकायत दर्ज कराई।
घटना रायगढ़ जिले के सायबर सेल कार्यालय की है। जिलाध्यक्ष श्रवण कुमार महेश और संगठन के अन्य पदाधिकारियों ने DSP अनिल कुमार विश्वकर्मा को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने बताया कि ‘जिला औषधि विक्रेता संघ जांजगीर’ नामक वॉट्सऐप ग्रुप में अजीत कुमार कश्यप ने बाबा साहेब अंबेडकर के खिलाफ टिप्पणी (Social Media Controversy) की। इस टिप्पणी से न केवल अंबेडकर की छवि को ठेस पहुंची है बल्कि करोड़ों अनुयायियों की भावनाएं आहत हुई हैं।
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि यह जानकारी उन्हें एक अन्य सामाजिक ग्रुप (Social Media Controversy) से मिली थी। इसके बाद तत्काल संगठन ने आरोपित के खिलाफ SC-ST (एट्रोसिटी) एक्ट और IT एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए आवेदन सौंपा। उनका कहना है कि ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई (Social Media Controversy) जरूरी है, ताकि दोबारा कोई इस तरह का दुस्साहस न कर सके।
सायबर सेल DSP अनिल कुमार विश्वकर्मा ने पुष्टि की कि भीम आर्मी भारत एकता मिशन की ओर से आवेदन प्राप्त हो चुका है। प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि पूरे प्रकरण की बारीकी से जांच (Social Media Controversy) की जाएगी और साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्यवाही तय होगी।
इस घटना ने रायगढ़ में सामाजिक संगठनों और युवाओं को भी आंदोलित कर दिया है। कई जगह चर्चाओं में यह मुद्दा गरमाया हुआ है। लोगों का कहना है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग लगातार बढ़ रहा है और ऐसे मामलों में प्रशासन को सख्ती दिखानी ही होगी।
फिलहाल शिकायत दर्ज हो चुकी है और पुलिस (Social Media Controversy) की गहन जांच कर रही है। उम्मीद की जा रही है कि आरोपित के खिलाफ शीघ्र ही कानूनी कार्रवाई होगी। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और जिम्मेदारी के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए।