सीजी भास्कर, 16 सितंबर। रात की रौनक अब पहले जैसी नहीं होगी। कानफोड़ू ध्वनि से गलियों और चौक-चौराहों (DJ Ban) में गूंजने वाले डीजे पर अब बड़ा पहरा बैठ गया है। देर रात तक चलने वाले डीजे की थाप अब लोगों की नींद नहीं तोड़ेगी।
बैठक में अधिकारियों ने साफ कर दिया कि अब नियम तोड़ने वालों के खिलाफ केवल चेतावनी नहीं बल्कि सीधी कार्रवाई होगी। न तो देर रात डीजे बजेगा और न ही तय आकार से बड़े साउंड सिस्टम गलियों में धमकते नजर आएंगे।
रात्रि 10 बजे के बाद किसी भी परिस्थिति में डीजे (DJ Ban) का उल्लंघन नहीं किया जा सकेगा। यदि कोई संचालक 10×8 फीट से बड़े डीजे या निर्धारित डेसिबल सीमा से ऊपर ध्वनि बजाता है तो उसका डीजे और वाहन सहित उपकरण जब्त कर न्यायालय में पेश किए जाएंगे।
यह बैठक छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह की मौजूदगी में हुई। उन्होंने साफ निर्देश दिए कि कोई भी संचालक डीजे (DJ Ban) से संबंधित नियमों का उल्लंघन न करे। यदि ऐसा पाया गया तो सीधे सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेन्द्र बघेल, पंकज पटेल, एसडीओपी कृष्णकुमार चंद्राकर, डीएसपी आशीष शुक्ला, थाना प्रभारी कोतवाली लालजी सिन्हा सहित जिले के डीजे संचालक मौजूद रहे। अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि बड़े आकार और अत्यधिक आवाज से डीजे (DJ Ban) का उल्लंघन सामाजिक आयोजनों में अव्यवस्था फैलाता है और भीड़ प्रबंधन को मुश्किल बना देता है।
धार्मिक आयोजनों के पहले हर साल पुलिस विभाग संचालकों को नियमों की जानकारी और चेतावनी देता है। इसके बावजूद गलियों और मोहल्लों में कानफोड़ू ध्वनि वाले डीजे बजते रहे हैं। बुजुर्गों, बीमारों और छोटे बच्चों को सबसे अधिक परेशानी होती है। ऐसे में चेतावनी अब तक औपचारिकता भर रह गई थी।
लेकिन इस बार पुलिस अधीक्षक सिंह ने कहा कि डीजे (DJ Ban) की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अत्यधिक ध्वनि से लोगों में तनाव, नींद की कमी और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा होती हैं। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है और माहौल बिगड़ता है। इसलिए सभी संचालकों को निर्धारित आकार और ध्वनि सीमा का पालन करना ही होगा।