सीजी भास्कर, 18 सितंबर। दुर्ग जिले में अल्पसंख्यक मसीही समाज ने प्रदर्शन कर बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। आज कई जिलों से बड़ी संख्या में इकट्ठा मसीही समाज के लोगों ने नारेबाजी करते हुए दुर्ग कलेक्टोरेट में राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा है।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि –
कट्टरपंथी संगठनों, विशेष रूप से विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल लगातार मसीहियों पर हमले कर रहे हैं। पुलिस प्रशासन दबाव में आकर फर्जी प्रकरण बना रहा है। समाज ने बजरंग दल को बंद करने की मांग की।
आज मूलनिवासी संघ के अध्यक्ष अमरजीत पटेल के नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में फर्जी मामलों पर नाराजगी व्यक्त की गई है। (Christian protest against Bajarang Dal)
इसमें बताया गया कि हाल ही में दुर्ग रेलवे स्टेशन पर कैथोलिक ननों पर मानव तस्करी और धर्मांतरण का झूठा मामला दर्ज किया गया था।
जिन लड़कियों को आधार बनाकर यह अपराध दर्ज किया गया उन्होंने और उनके परिजनों ने स्पष्ट किया था कि वे रोजगार के लिए स्वेच्छा से यात्रा कर रही थीं।
ज्ञापन में पास्टरों पर हमला और दबाव में गिरफ्तारी का आरोप लगाया गया है। (Christian protest against Bajarang Dal)
आरोप यह भी है कि 31 अगस्त को बोरसी दुर्ग निवासी पास्टर आकाश बसरा को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं और पुलिस ने घर से उठाया और उनसे मारपीट की।
उन पर धर्मांतरण का मामला दर्ज कर जेल भेज दिया। उनकी पत्नी पर भी जानलेवा हमला हुआ।
मसीही समाज ने पुलिस प्रशासन पर घरेलू प्रार्थना सभाओं को रोकने का दबाव बनाने का भी आरोप लगाया है। (Christian protest against Bajarang Dal)
समाज ने कहा कि उच्च न्यायालय पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि निजी निवास पर प्रार्थना सभा करना किसी भी स्थिति में प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता।
प्रदर्शनकारियों ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला बताया।