सीजी भास्कर, 19 सितंबर। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अपनी सभी परीक्षाओं में चेहरा पहचानने की तकनीक (Face Recognition Technology) को लागू करने की घोषणा की है। परीक्षा प्रणाली में धांधली और फर्जीवाड़े के लगातार मामलों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इसका मकसद उम्मीदवारों का भरोसा मजबूत करना और परीक्षा प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाना है।
यूपीएससी अध्यक्ष अजय कुमार ने शुक्रवार को बताया कि उम्मीदवारों के सत्यापन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित चेहरे की पहचान प्रणाली का पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा है। इस नई तकनीक (Face Recognition Technology) से प्रत्येक उम्मीदवार का सत्यापन अब मात्र 8 से 10 सेकेंड में पूरा हो जाएगा। इससे परीक्षा केंद्रों पर लंबी कतारों और समय की बर्बादी को खत्म किया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि आयोग सिविल सेवा परीक्षा सहित अपनी सभी परीक्षाओं में इस प्रणाली का उपयोग करेगा। इसके लिए आवश्यक मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) तैयार की जा रही हैं। साथ ही इस काम में शामिल कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा और परीक्षा केंद्रों पर वाई-फाई जैसी तकनीकी सुविधाएं भी सुनिश्चित की जाएंगी।
गुरुग्राम में सफल पायलट प्रोजेक्ट
यूपीएससी अध्यक्ष ने जानकारी दी कि चेहरे की पहचान प्रणाली का पायलट प्रोजेक्ट गुरुग्राम के चुनिंदा परीक्षा केंद्रों पर चलाया गया। यहां पर अभ्यर्थियों के चेहरे को उनके पंजीकरण फार्म में दी गई तस्वीर से डिजिटल रूप से मिलान किया गया। इस दौरान विभिन्न सत्रों में 1,129 उम्मीदवारों को स्कैन किया गया। सभी जगह तकनीक ने बिना किसी बड़ी समस्या के काम किया और पहचान की प्रक्रिया सहज व तेज रही।
यह पायलट प्रोजेक्ट राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) और नेवल अकादमी (एनए) II परीक्षा, 2025 तथा संयुक्त रक्षा सेवा (सीडीएस) II परीक्षा, 2025 के दौरान किया गया। ये परीक्षाएं 14 सितंबर, 2025 को आयोजित हुई थीं। इस पहल को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (NEGD) के सहयोग से लागू किया गया।
धांधली पर लगेगी रोक
यूपीएससी अध्यक्ष ने कहा कि आयोग निष्पक्षता और पारदर्शिता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। चेहरा पहचानने वाली तकनीक (Face Recognition Technology) से परीक्षा प्रक्रिया स्मार्ट, सुरक्षित और कुशल बनेगी। इससे नकल, फर्जी प्रवेश और किसी दूसरे व्यक्ति को परीक्षा देने भेजने जैसी गड़बड़ियों पर लगाम लगेगी।
उन्होंने कहा कि तकनीक का सही इस्तेमाल कर हम पारदर्शिता सुनिश्चित कर सकते हैं और उम्मीदवारों का विश्वास भी मजबूत कर सकते हैं। इस पहल से भविष्य में होने वाली सभी यूपीएससी परीक्षाएं और अधिक सुरक्षित होंगी।
यूपीएससी की परीक्षाओं का महत्व
संघ लोक सेवा आयोग भारत सरकार की एक संवैधानिक संस्था है, जो केंद्रीय सेवाओं और अखिल भारतीय सेवाओं के लिए अधिकारियों का चयन करती है। आयोग भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), भारतीय विदेश सेवा (IFS) सहित अनेक केंद्रीय सेवाओं के लिए परीक्षाएं आयोजित करता है। इस वजह से परीक्षा की निष्पक्षता और पारदर्शिता को लेकर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। यूपीएससी का यह फैसला भविष्य में प्रतियोगी परीक्षाओं की दिशा और दशा दोनों को बदलने वाला साबित हो सकता है। इससे उम्मीदवारों को भरोसा होगा कि परीक्षा प्रक्रिया निष्पक्ष और सुरक्षित है।
