सीजी भास्कर, 20 सितंबर। भारतीय वायुसेना का ऐतिहासिक लड़ाकू विमान मिग-21 (MiG-21 Retirement) आखिरकार 26 सितंबर को रिटायर हो जाएगा। छह दशकों से ज्यादा समय तक देश की हवाई ताकत को मजबूती देने वाले इस सुपरसोनिक जेट को हमेशा उसकी असाधारण सेवाओं के लिए याद किया जाएगा। अब इसकी जगह भारत का स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस एमके1ए लेगा, जो भविष्य में वायुसेना की रीढ़ साबित होगा।
मिग-21 की शुरुआत
मिग-21 सोवियत संघ (अब रूस) का बनाया हुआ लड़ाकू विमान है, जिसे 1963 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। यह भारत का पहला सुपरसोनिक जेट था, यानी यह ध्वनि की गति से भी तेज उड़ान भर सकता था। वायुसेना ने एक्स पर पोस्ट कर मिग-21 (MiG-21 Retirement) को राष्ट्र का गौरव बताते हुए कहा कि इस योद्धा ने भारत के आकाश को सुरक्षित किया और दुश्मनों को कई बार धूल चटाई। पहला स्क्वाड्रन (28 स्क्वाड्रन) चंडीगढ़ में बनाया गया था, जिसने इस विमान को भारतीय आकाश की शान बना दिया।
युद्धों में दिखाया दमखम
मिग-21 का इतिहास कई बड़े युद्धों और अभियानों से जुड़ा है।
1965 का भारत-पाक युद्ध: पहली बार मिग-21 (MiG-21 Retirement) ने जंग में हिस्सा लिया और पाकिस्तानी वायुसेना के अमेरिकी लड़ाकू विमानों को कड़ी टक्कर दी।
1971 का युद्ध: बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई में मिग-21 ने निर्णायक भूमिका निभाई। पाकिस्तानी ठिकानों पर सटीक हमले कर पाकिस्तान को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर किया।
1999 का कारगिल युद्ध: इस युद्ध में मिग-21 ने रात में उड़ान भरकर दुश्मन के ठिकानों की पहचान की। उस समय पायलटों ने साधारण जीपीएस के सहारे हमले किए।
2019 की बालाकोट स्ट्राइक: मिग-21 बाइसन ने एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया। यह ऐतिहासिक उपलब्धि ग्रुप कैप्टन अभिनंदन वर्धमान के नाम दर्ज हुई।
2025 का आपरेशन सिंदूर: पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में चलाए गए इस अभियान में मिग-21 ने आखिरी बार दुश्मन पर कहर बरपाया।
अपग्रेडेड वर्जन
2000 में मिग-21 को अपग्रेड कर मिग-21 बाइसन बनाया गया। इसमें नया रडार, आधुनिक मिसाइलें और हेलमेट-माउंटेड साइट्स जोड़े गए। इन सुधारों से विमान की क्षमताएं और भी बढ़ीं, लेकिन समय के साथ इसकी तकनीक पुरानी हो गई और इसे बदलने की जरूरत महसूस हुई।
तेजस का नया दौर
अब मिग-21 (MiG-21 Retirement) की जगह तेजस एमके1ए लेगा। तेजस भारत में निर्मित स्वदेशी लड़ाकू विमान है, जिसे हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने विकसित किया है। इसमें आधुनिक एवियोनिक्स, रडार और हथियार प्रणालियां हैं। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि तेजस वायुसेना की नई जरूरतों को पूरा करेगा और भारत को आत्मनिर्भर रक्षा शक्ति बनाने में अहम योगदान देगा।
गौरवशाली विरासत
मिग-21 ने भारतीय आकाश में गौरव और ताकत का जो इतिहास रचा है, वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। यह सिर्फ एक विमान नहीं था बल्कि भारत की हवाई शक्ति का प्रतीक था। अब भले ही मिग-21 (MiG-21 Retirement) इतिहास का हिस्सा बन जाएगा, लेकिन इसकी शौर्यगाथा भारतीय वायुसेना के हर अध्याय में सुनाई देगी।
