सीजी भास्कर, 22 सितंबर। दुर्ग जिला शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। विभाग (शिकायत में बताया गया था कि नौशाद खान (Teacher Corruption Suspension Chhattisgarh) ने दुर्ग के तकियापारा में प्रभारी रहते हुए संकुल केंद्र का अकाउंट हैंडओवर नहीं किया) ने तीन प्राचार्य और एक शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई प्रनाम के अध्यक्ष पवन केसवानी की शिकायत पर की गई। मार्च 2024 में केसवानी ने जिला शिक्षा अधिकारी और कलेक्टर को फरीदनगर के प्रभारी प्राचार्य नौशाद खान और शिक्षक निजामुद्दीन के खिलाफ शिकायत दी थी।
शिकायत में बताया गया था कि नौशाद खान (Teacher Corruption Suspension Chhattisgarh) ने दुर्ग के तकियापारा में प्रभारी रहते हुए संकुल केंद्र का अकाउंट हैंडओवर नहीं किया और दो फर्जी खातों के जरिए लाखों रुपये का गबन किया।
जांच में सामने आया कि नौशाद खान ने शिक्षक निजामुद्दीन के साथ मिलकर लगभग 1,84,000 रुपये का गबन किया। विभागीय जांच में दोनों पर भ्रष्टाचार की पुष्टि होने पर उन्हें निलंबित किया गया। इस कार्रवाई ने शिक्षा विभाग (Teacher Corruption Suspension Chhattisgarh) में हड़कंप मचा दिया है।
महिला प्राचार्यों की लापरवाही
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि तकियापारा में बाद में पदस्थ हुईं प्राचार्य वंदना पांडेय और आशा टेकाम को गड़बड़ी की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने कोई आपत्ति दर्ज नहीं की। उनकी इस चुप्पी को गंभीर लापरवाही माना गया और भ्रष्टाचार में सहयोगी समझते हुए दोनों को भी निलंबित कर दिया गया।
शिक्षा विभाग (Teacher Corruption Suspension Chhattisgarh) का कहना है कि प्राचार्यों की जिम्मेदारी होती है कि वे वित्तीय अनियमितताओं पर तुरंत कार्रवाई करें। इस मामले में एक ही शिकायत पर चार लोगों का निलंबन शिक्षा विभाग के इतिहास में पहली बार हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि आगे भी भ्रष्टाचार या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कार्रवाई भविष्य में होने वाले ऐसे मामलों के लिए मिसाल साबित होगी।
