भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग एक बार फिर चर्चा में है। (India Russia S-500 Deal) की संभावना तब और मजबूत हो गई जब रूस ने साफ किया कि 2026 तक भारत को S-400 ट्रायंफ एयर डिफेंस सिस्टम की सभी डिलीवरी पूरी हो जाएगी। अब रक्षा हलकों में यह कयास लग रहे हैं कि इसके बाद दोनों देश S-500 पर बातचीत को अंतिम रूप दे सकते हैं।
S-400 की डिलीवरी पूरी होने के बाद अगला पड़ाव S-500?
रूस ने यह स्पष्ट किया है कि पांच S-400 सिस्टम की डिलीवरी में से चार पहले ही भारत को मिल चुके हैं और पांचवां सिस्टम अगले साल तक सौंप दिया जाएगा। इसके बाद (India Russia S-500 Deal) पर बातचीत तेज हो सकती है। यह वही सिस्टम है जिसे रूसी मीडिया S-400 का उन्नत संस्करण मानती है, लेकिन इसकी क्षमता कई गुना ज्यादा बताई जाती है।
ऑपरेशन सिंदूर और भारत की दिलचस्पी
हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान S-400 ने भारतीय स्वदेशी सिस्टम आकाश और बराक के साथ मिलकर जबरदस्त प्रदर्शन किया। इसके बाद रूस की ओर से भारत को S-500 की पेशकश की गई थी। यही नहीं, मास्को में विक्टरी डे परेड के दौरान भारत के प्रतिनिधिमंडल ने भी (India Russia S-500 Deal) को लेकर सकारात्मक संकेत दिए थे।
S-500 क्यों खास है?
रूस का दावा है कि S-500 एयर डिफेंस सिस्टम 600 किलोमीटर तक की रेंज में दुश्मन की मिसाइल और विमान को मार गिराने की क्षमता रखता है। यह सिस्टम हाइपरसोनिक मिसाइल को भी इंटरसेप्ट कर सकता है। यदि भारत इस डील को आगे बढ़ाता है तो यह चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों की रणनीतियों पर सीधा दबाव डाल देगा।
अमेरिका को झटका?
2018 में जब भारत ने S-400 डील साइन की थी, तब अमेरिका ने प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी। इसके बावजूद सौदा आगे बढ़ा और अब (India Russia S-500 Deal) पर संभावनाएं और मजबूत दिख रही हैं। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या अमेरिका एक बार फिर भारत की इस रणनीतिक चाल से नाराज़ होगा।
भारत-रूस रिश्तों का नया अध्याय
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह डील पक्की होती है तो भारत-रूस के रक्षा रिश्तों का एक नया अध्याय लिखा जाएगा। यह केवल हथियारों की खरीद नहीं होगी बल्कि दोनों देशों की दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक बनेगी।
