सीजी भास्कर, 27 सितंबर। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सुरक्षा बलों ने नक्सल विरोधी अभियान ‘ऑपरेशन प्रहार’ (Operation Prahar Success) के तहत बड़ी कामयाबी हासिल की है। मेटागुड़ा इलाके में की गई इस कार्रवाई में माओवादियों की अवैध ऑर्डिनेट्स फैक्ट्री (Explosive Manufacturing Unit) को ध्वस्त कर दिया गया। फैक्ट्री से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री, कंट्रीमेड हथियार और निर्माण के लिए इस्तेमाल होने वाली मशीनें बरामद की गई हैं।
बीजीएल लॉन्चर बनाने की तैयारी
सूत्रों के अनुसार, माओवादी इस फैक्ट्री में बड़े पैमाने पर हथियार और विस्फोटक तैयार कर रहे थे। यहां तक कि वे सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए बड़े आकार के बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (BGL Launcher) भी बना रहे थे। इस फैक्ट्री का पर्दाफाश न सिर्फ माओवादियों की बड़ी साजिश को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि बढ़ते सुरक्षा दबाव के बीच वे अब अवैध हथियार निर्माण पर ज्यादा निर्भर हो रहे हैं।
संयुक्त कार्रवाई में मिली सफलता
एसपी किरण चव्हाण के नेतृत्व में सुरक्षाबलों की संयुक्त टीम (Operation Prahar Success) ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। बरामद सामग्री में विस्फोटक उपकरणों के अलावा हथियार बनाने की मशीनें और टूल्स भी शामिल हैं। सुरक्षा बलों का मानना है कि यदि समय रहते यह फैक्ट्री नष्ट नहीं की जाती तो इसका इस्तेमाल बड़े हमलों के लिए किया जा सकता था।
माओवादी संगठन पर लगातार दबाव
जिले के संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा कैंपों की स्थापना और लगातार हो रहे अभियानों से माओवादियों का प्रभाव क्षेत्र लगातार सिमट रहा है। बढ़ते दबाव और बार-बार की गई सफल कार्रवाइयों ने उनकी कमर तोड़ दी है। अब माओवादी न सिर्फ अपने हथियार डंप छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं, बल्कि बड़ी संख्या में आत्मसमर्पण भी कर रहे हैं।
2026 तक नक्सल मुक्त भारत का लक्ष्य
केंद्र और राज्य सरकार ने 2026 तक देश को माओवाद (Operation Prahar Success) मुक्त करने का संकल्प लिया है। सुरक्षा बलों की आक्रामक रणनीति और पुनर्वास नीतियों का असर साफ दिख रहा है। कई माओवादी हथियार डालकर मुख्यधारा में लौट रहे हैं, जबकि शेष सक्रिय गुट लगातार अभियानों की चपेट में आकर खत्म हो रहे हैं।