सीजी भास्कर, 28 सितंबर। छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल (Chhattisgarh State Bar Council) के बहुप्रतीक्षित चुनाव 30 सितंबर को होंगे। पूरे राज्य में 23 हजार से अधिक पंजीकृत अधिवक्ता (Registered lawyers) इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेंगे। छह साल बाद आयोजित हो रहे इस चुनाव में परिषद की 25 सीटों के लिए 105 उम्मीदवार मैदान में हैं। बार काउंसिल आफ इंडिया ने इस बार के चुनाव नियमों (Election rules change) में बदलाव किया है।
हर मतदाता को कम से कम पांच उम्मीदवारों को वरीयता क्रम में वोट देना अनिवार्य होगा। मतदाता अपनी इच्छा से अधिकतम 25 उम्मीदवारों को प्राथमिकता दे सकते हैं। केवल पांच नामों को वरीयता देने पर उस मत की वैल्यू अपेक्षाकृत अधिक होगी। इस नई व्यवस्था से चुनावी गणित रोचक हो गया है और प्रत्याशियों के बीच रणनीतिक गठजोड़ व प्राथमिकता हासिल करने की होड़ तेज है।
छह साल बाद हो रहा चुनाव
वर्ष 2019 में तत्कालीन स्टेट बार काउंसिल भंग कर दी गई थी। तब से महाधिवक्ता को पदेन अध्यक्ष बनाकर एडवोकेट प्रतीक शर्मा और वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील ओटवानी को सदस्य के रूप में शामिल कर अंतरिम समिति का गठन किया गया था। यही समिति अब तक परिषद का संचालन कर रही थी। लंबे अंतराल के बाद हो रहे इस चुनाव (Bar council polls) से प्रदेश के वकीलों में उत्साह का माहौल है।
प्रदेशभर में मतदान केंद्र
चुनाव को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए सभी जिला एवं सत्र न्यायालयों तथा सिविल अदालतों में मतदान केंद्र (Polling booths) बनाए गए हैं। प्रत्येक मतदान केंद्र पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश या न्यायिक मजिस्ट्रेट पीठासीन अधिकारी होंगे।
सुबह नौ बजे से होगा मतदान
30 सितंबर को सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक मतदान होगा। अनुमान है कि रायपुर और बिलासपुर में लगभग पांच-पांच हजार, दुर्ग में करीब तीन हजार और राजनांदगांव में लगभग दो हजार अधिवक्ता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। मतदान समाप्त होने के बाद सभी मतपेटियां कड़ी सुरक्षा के बीच स्टेट बार काउंसिल के स्ट्रान्गरूम में रखी जाएंगी, जहां उनकी गणना निर्धारित तिथि पर की जाएगी।