सीजी भास्कर, 03 अक्टूबर। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की महत्वाकांक्षी पहल ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान’ ने छत्तीसगढ़ में नए कीर्तिमान रचे हैं। बीते पखवाड़े में प्रदेशभर में 31 हजार से अधिक स्वास्थ्य शिविर लगाए गए, जिनमें लगभग 22 लाख लोगों ने जांच और उपचार की सुविधा प्राप्त की। विशेष बात यह रही कि इन शिविरों में महिलाओं की भागीदारी सर्वाधिक रही, जिससे यह साबित होता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब महिलाएं अपने स्वास्थ्य को लेकर सजग हो रही हैं। यह सक्रियता (Health Awareness Campaign) के उस मूल विचार को सशक्त करती है कि जब महिला स्वस्थ होती है, तभी परिवार और समाज मजबूत बनता है।
महिला स्वास्थ्य को प्राथमिकता
शिविरों में महिला स्वास्थ्य, पोषण और अनीमिया जांच पर विशेष ध्यान दिया गया। इस दौरान पाँच लाख से अधिक लोगों की अनीमिया जांच की गई। गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच, बच्चों का टीकाकरण, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, टीबी, कैंसर और सिकल सेल जैसी गंभीर बीमारियों की स्क्रीनिंग भी की गई। नतीजतन 1.91 लाख गर्भवती महिलाओं की जांच हुई, 2.72 लाख लोगों की सिकल सेल स्क्रीनिंग हुई, 3.72 लाख लोगों की टीबी जांच हुई और 67 हजार से अधिक बच्चों को टीके लगाए गए।
परामर्श और जागरूकता
अभियान के दौरान महिला स्वास्थ्यकर्मियों और विशेषज्ञों ने हजारों महिलाओं को संतुलित आहार, आयरन-फोलिक एसिड, स्वच्छता और जीवनशैली सुधार के बारे में परामर्श दिया। इस पहल ने साबित किया कि (Health Awareness Campaign) केवल इलाज तक सीमित नहीं है, बल्कि समय रहते रोगों की पहचान और रोकथाम की दिशा में भी महत्वपूर्ण है। लगभग 13 लाख लोगों को स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर जागरूक किया गया।
नवरात्रि से जोड़ा गया अभियान
अभियान की खासियत यह रही कि इसे नवरात्रि महोत्सव से जोड़कर संचालित किया गया। राज्य के विभिन्न जिलों में माता पंडालों और गरबा स्थलों पर हजारों महिलाओं ने ‘स्वस्थ नारी–सुरक्षित परिवार’ का संकल्प लिया। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने महिलाओं को मासिक धर्म स्वच्छता, नियमित स्वास्थ्य जांच और संतुलित आहार के महत्व से अवगत कराया।
वरिष्ठ नागरिक भी हुए लाभान्वित
राज्य सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों को भी इस पहल से जोड़ा। 36,186 हितग्राहियों को आयुष्मान वय वंदना कार्ड और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना कार्ड वितरित किए गए। इससे अब बुजुर्गों को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं तक निःशुल्क पहुंच सुनिश्चित होगी।
टीबी उन्मूलन की दिशा में योगदान
भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य तय किया है। इसी दिशा में छत्तीसगढ़ भी पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहा है। अभियान के दौरान 3.72 लाख से अधिक लोगों की टीबी स्क्रीनिंग की गई और लक्षण मिलने पर तत्काल इलाज शुरू किया गया। साथ ही 7,000 से अधिक ‘निक्षय मित्र’ पंजीकृत किए गए हैं, जो टीबी रोगियों को पोषण आहार और मानसिक सहयोग दे रहे हैं। (Health Awareness Campaign)
मुख्यमंत्री का संदेश
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, “स्वस्थ नारी ही सशक्त परिवार और समाज की नींव है। इस अभियान ने साबित किया है कि ग्रामीण अंचलों में भी अब स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता तेजी से बढ़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टीबी मुक्त भारत 2025 संकल्प की दिशा में छत्तीसगढ़ का यह योगदान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।”
अभियान बना सामाजिक मॉडल
स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि (Health Awareness Campaign) केवल स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार नहीं बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण का एक नया मॉडल है। गांव-गांव और दूरस्थ अंचलों तक पहुँचते हुए यह साबित करता है कि जब योजनाएं धरातल पर उतरती हैं, तो बदलाव केवल आंकड़ों में नहीं बल्कि जीवन के हर पहलू में दिखाई देता है।