सीजी भास्कर, 04 अक्टूबर। प्रदेश के सात नए जिलों बालोद, बलौदाबाजार, बलरामपुर, गरियाबंद, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, सारंगढ़-बिलाईगढ़ और मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में (New Kendriya Vidyalaya in Chhattisgarh) केंद्रीय विद्यालय खोले जाने की तैयारी तेज हो गई है। लोक शिक्षण संचालनालय ने इन जिलों के कलेक्टरों और जिला शिक्षा अधिकारियों से प्रस्ताव तलब किए हैं।
राज्य सरकार इन प्रस्तावों को केंद्रीय मंत्रालय को भेजकर अंतिम मंजूरी दिलाएगी। विभागीय मंत्री गजेंद्र यादव ने कहा कि नए स्कूल खुलने से दूरदराज़ के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध होगी और माता-पिता को बच्चों की पढ़ाई के लिए बड़े शहरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। केंद्रीय विद्यालय (New Kendriya Vidyalaya in Chhattisgarh) को लेकर सरकार बेहद गंभीर है और जमीन चयन से लेकर भवन निर्माण तक की योजना बनाई जा रही है।
इसके साथ ही ‘मॉडल स्कूल’ योजना को भी गति दी जा रही है। हर साल लगभग 1,500 स्कूलों का चयन कर उन्हें नई सुविधाओं से लैस किया जाएगा। स्मार्ट क्लास, विज्ञान प्रयोगशाला, खेलकूद की व्यवस्था और पुस्तकालय को अपग्रेड करने का काम प्राथमिकता से होगा। विभाग का मानना है कि केंद्रीय विद्यालय के साथ यह मॉडल स्कूल योजना बच्चों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करेगी।
सरकार पीएम-श्री, सेजेस, इग्नाइट और मुख्यमंत्री डीएवी स्कूलों को भी मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करेगी। इससे पूरे राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता समान रूप से बढ़ेगी। ग्रामीण इलाकों के बच्चों को भी शहर जैसे अवसर मिलेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले वर्षों में केंद्रीय विद्यालय राज्य को शिक्षा के नए मानचित्र पर स्थापित करेंगे।
शिक्षाविदों का मानना है कि इन विद्यालयों से प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्रों का प्रदर्शन सुधरेगा और उन्हें बेहतर करियर अवसर मिलेंगे। दीर्घकाल में यह कदम प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को नई ऊँचाई देगा और बच्चों के भविष्य को मजबूत बनाएगा। केंद्रीय विद्यालय (New Kendriya Vidyalaya in Chhattisgarh) शिक्षा सुधार का सबसे ठोस उदाहरण बनकर सामने आएंगे।