सीजी भास्कर, 04 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ से एक गंभीर मानव तस्करी (Telangana Tribal Human Trafficking) का मामला सामने आया है, जिसमें ग्राम मिर्मिंडा और तोरण्डड़ी के चार आदिवासी युवकों को रोजगार का झांसा देकर तेलंगाना राज्य के मिश्रा क्षेत्र में एक निजी बोरवेल कंपनी में बंधक बनाकर जबरन काम कराने का आरोप है।
पीड़ित युवकों के परिजन 3 अक्टूबर को जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और ज्ञापन सौंपकर प्रशासन से युवकों की सुरक्षित रिहाई (Telangana Tribal Human Trafficking) की मांग की। परिजनों ने बताया कि गोपी देवांगन, निवासी ग्राम उरमाल, ब्लाक देवभोग, जिला गरियाबंद, 22 अगस्त को चार युवकों को यह कहकर तेलंगाना ले गया कि उन्हें 15,000 वेतन और मुफ्त खाना-रहना मिलेगा। लेकिन वहां पहुंचते ही युवकों को स्टार बोरवेल कंपनी में काम पर लगा दिया गया और उनके साथ मारपीट कर बंधक बना लिया गया।
युवकों के मोबाइल फोन भी छीन लिए गए और उन्हें छह महीने तक काम (Telangana Tribal Human Trafficking) करने के लिए मजबूर किया गया। 17-18 सितंबर को चंदुराम मरकाम ने किसी तरह अपने पिता संग्राम मरकाम को सूचना दी कि वे चारों एक कमरे में बंद हैं और उन्हें बहुत यातना दी जा रही है। यह सूचना मिलने के बाद परिजन और ग्रामीण तेलंगाना पहुंचे।
रिहाई के बदले मांगे 1.80 लााख (Telangana Tribal Human Trafficking)
29 सितंबर को ठेकेदार ने प्रत्येक युवक की रिहाई के बदले 1,80,000 की मांग की। कई प्रयासों और पैसों की व्यवस्था करने के बाद ₹35,000 नगद व ऑनलाइन भुगतान कर दो युवकों – सनातराम नेताम और चंद्रशेखर मरकाम – को छुड़ाया जा सका। जबकि परमेश्वर राठौर और भोजराज यादव अब भी बंधक हैं। साथ ही युवकों को झांसा देकर ले जाने वाला गोपी देवांगन भी ठेकेदार द्वारा वहीं रोक लिया गया है।
कोंडागांव जिले के मकरी ब्लाक के पीड़ित परिजनों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि शेष युवकों की तुरंत रिहाई कराई जाए और इस मानव तस्करी में शामिल ठेकेदार और दलालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। पीड़ित परिवारों ने छत्तीसगढ़ महतारी की चरण वंदना कर प्रार्थना की कि सभी युवक सुरक्षित घर लौट आएं। (Telangana Tribal Human Trafficking) विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना सिर्फ एक आपराधिक कृत्य नहीं बल्कि समाज के लिए चेतावनी है कि बेरोजगारी और गरीबी का फायदा उठाकर आदिवासी समुदाय के युवाओं को शोषण का शिकार बनाया जा रहा है। यदि समय रहते इस तरह के नेटवर्क पर अंकुश नहीं लगाया गया तो स्थिति और भयावह हो सकती है।