सीजी भास्कर, 04 अक्टूबर। पाकिस्तान सीमा और नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए भारतीय सेना ने बड़ा कदम उठाया है। मिशन सुदर्शन चक्र के तहत सेना छह एके-630 एयर डिफेंस गन (AK-630 Air Defense Gun) सिस्टम खरीदने जा रही है। इसका इस्तेमाल खासतौर पर उन क्षेत्रों में किया जाएगा, जहाँ नागरिक ठिकानों और धार्मिक स्थलों को दुश्मन निशाना बनाते रहे हैं।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर और पंजाब में नागरिक ठिकानों और आस्था स्थलों पर हमले किए थे। इस अनुभव से सबक लेते हुए सेना ने पहले से तैयारी शुरू कर दी है। सेना वायु रक्षा (AAD) ने एडवांस्ड वेपन एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (AWEIL) से छह एके-630 एयर डिफेंस गन (AK-630 Air Defense Gun) खरीदने के लिए टेंडर जारी किया है।
क्या हैं एके-630 एयर डिफेंस गन की खूबियां
यह 30 मिमी मल्टी-बैरल मोबाइल एयर डिफेंस गन (AK-630 Air Defense Gun) है, जो लगातार फायरिंग कर सकती है। सिस्टम को ट्रेलर पर रखा जाएगा और हाई-मोबिलिटी वाहन से सीमा तक ले जाया जाएगा। यह गन हर मिनट 3,000 राउंड फायर करने में सक्षम है और 4 किलोमीटर दूर तक लक्ष्य को भेद सकती है। इसमें लगा इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल फायर कंट्रोल सिस्टम हर मौसम में दुश्मन के लक्ष्य की पहचान करने में सक्षम है। इस वजह से एके-630 एयर डिफेंस गन (AK-630 Air Defense Gun) को ड्रोन, रॉकेट, तोपखाने और मोर्टार के हमलों को विफल करने के लिए सबसे उपयुक्त माना जा रहा है।
सुदर्शन चक्र कवच का हिस्सा
रक्षा अधिकारियों ने बताया कि इसे सुदर्शन चक्र कवच के तौर पर विकसित किया जा रहा है और यह पूरे वायु रक्षा ढांचे से जुड़ा होगा। इसमें एके-630 एयर डिफेंस गन (AK-630 Air Defense Gun) जैसी प्रणालियां अहम भूमिका निभाएंगी और यह अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी के नजदीक स्थित आबादी वाले क्षेत्रों व आस्था के स्थलों की सुरक्षा में इस्तेमाल की जाएंगी। हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुजरात के भुज में एएडी सैनिकों से मुलाकात की थी; इन जवानों ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के बहुस्तरीय हवाई हमलों को नाकाम किया था।
भारत का आयरन डोम
मिशन सुदर्शन चक्र को भारत का “आयरन डोम” कहा जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी योजना का लक्ष्य 2035 तक एक बहुस्तरीय स्वदेशी सुरक्षा कवच तैयार करना है। इसमें निगरानी, साइबर सुरक्षा और वायु रक्षा प्रणालियों को एकीकृत किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर इसकी शुरुआत की थी। इस योजना का मकसद स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देना और भविष्य में किसी भी दुश्मन हमले का बहुस्तरीय जवाब देना है। इसमें एके-630 एयर डिफेंस गन (AK-630 Air Defense Gun) अहम भूमिका निभाएगी।
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने हाल ही में कहा था कि भारत अब किसी भी आतंकी गतिविधि का जवाब पूरे बल से देगा और ऑपरेशन सिंदूर 2.0 में कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि एके-630 एयर डिफेंस गन (AK-630 Air Defense Gun) की तैनाती से सीमावर्ती इलाकों की सुरक्षा और भी मजबूत होगी।