सीजी भास्कर, 04 अक्टूबर। नकद लेनदेन को कम करने के उद्देश्य से सरकार ने शनिवार को कहा कि 15 नवंबर से राष्ट्रीय राजमार्ग पर टोल प्लाजा में बिना वैध एवं कार्यात्मक फास्टैग के प्रवेश करने वाले वाहनों से यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआइ) (UPI Toll Payment) के माध्यम से भुगतान करने पर सामान्य टोल राशि का 1.25 गुना शुल्क लिया जाएगा। वर्तमान में बिना वैध फास्टैग वाले वाहनों को नकद में दोगुना टोल शुल्क देना पड़ता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी वाहन को 100 रुपये का उपयोगकर्ता शुल्क (यूजर फीस) देना है तो नकद में भुगतान करने पर शुल्क 200 रुपये और यूपीआइ के माध्यम से भुगतान करने पर 125 रुपये होगा।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने और गैर-फास्टैग यूजर्स के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों पर यूजर टोल प्लाजा पर नकद लेनदेन को समाप्त करने के एक महत्वपूर्ण कदम में सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों और संग्रह का निर्धारण) नियम, 2008 में संशोधन किया है। नए नियम के तहत, वैध एवं कार्यात्मक फास्टैग के बिना टोल प्लाजा में प्रवेश करने वाले वाहनों से लागू यूजर फीस का दोगुना शुल्क लिया जाएगा, यदि शुल्क का भुगतान नकद में किया जाता है। ऐसे यूजर जो यूपीआइ (UPI Toll Payment) के माध्यम से शुल्क का भुगतान करना चुनते हैं, उनसे उस श्रेणी के वाहन के लिए लागू उपयोगकर्ता शुल्क का केवल 1.25 गुना शुल्क लिया जाएगा।
बयान में कहा गया है कि यह अधिसूचना 15 नवंबर, 2025 से प्रभावी होगी। राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों का निर्धारण एवं संग्रहण) नियम, 2008 में नवीनतम संशोधन कुशल टोल संग्रहण हेतु प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने और टोल प्लाजा पर भीड़भाड़ कम करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। संशोधित नियम डिजिटल भुगतान (UPI Toll Payment) को अपनाने को प्रोत्साहित करेंगे, टोल संचालन में पारदर्शिता बढ़ाएंगे और राष्ट्रीय राजमार्गों पर समग्र उपयोगकर्ता अनुभव में सुधार लाएंगे।