सीजी भास्कर, 04 अक्टूबर। इस वर्ष सितंबर में मूल्य वृद्धि के लिहाज से चांदी ने सोने को पीछे छोड़ दिया है। पिछले महीने चांदी की कीमत में 19.4 प्रतिशत की वृद्धि रही है। जबकि इस दौरान सोने की कीमत में 13.56 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही है। जानकारों का कहना है कि चांदी की कीमतों (Silver Price) में यह वृद्धि सौर और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों से मजबूत मांग और वैश्विक आपूर्ति में कमी के कारण हुई है।
एक सितंबर को चांदी की कीमत 1.26 लाख रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो 30 सितंबर को 1,50,500 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। इस प्रकार एक महीने में इसका मूल्य 24,500 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ा है। हाल के वर्षों में चांदी के मूल्य (Silver Price) में यह सबसे तेज मासिक वृद्धि में से एक है। इसके विपरीत पिछले महीने 10 ग्राम सोने की कीमत 14,330 रुपये या 13.56 प्रतिशत बढ़ी है। एक सितंबर को 10 ग्राम सोने (24 कैरेट) का मूल्य 1,05,670 रुपये था, जो 30 सितंबर को बढ़कर 1,20,000 रुपये हो गया।
कमोडिटीज बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि औद्योगिक धातु और मूल्य के भंडार के रूप में चांदी की दोहरी भूमिका ने इस महीने सोने की तुलना में इसके लाभ को बढ़ा दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार, चांदी मौद्रिक गुणों को औद्योगिक मांग के साथ जोड़ती है। औद्योगिक खपत मांग का 60-70 प्रतिशत है। वेंचुरा में कमोडिटी डेस्क के प्रमुख एनएस रामास्वामी का कहना है कि बाजार पिछले सात वर्षों से चांदी की आपूर्ति की कमी का सामना कर रहा है और केवल सौर पैनल में उपयोग के लिए 2024 में 23.2 करोड़ औंस चांदी की आवश्यकता रही है।
इलेक्ट्रानिक्स, सौर पैनल और इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र से चांदी की मांग (Silver Price) आ रही है। यह असंतुलन कीमतों पर ऊपर की ओर दबाव डाल रहा है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज का कहना है कि औद्योगिक मांग चांदी के लिए एक महत्वपूर्ण विकास चालक के रूप में उभरी है, जो अगले वर्ष कुल खपत का हिस्सा बन रही है। इसमें सौर क्षमता, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और 5जी सेवा का विस्तार शामिल है।
वैश्विक बाजार में भी बढ़ रहे सोना और चांदी
वैश्विक स्तर पर, सोने की कीमत कीमत 3,871.81 डालर प्रति औंस तक पहुंच गई। गुरुवार को पीली धातु 3,896.74 डालर प्रति औंस के रिकार्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई थी। चांदी (Silver Price) की बात करें तो इसकी कीमत करीब दो प्रतिशत बढ़कर 47.75 डालर प्रति औंस के रिकार्ड उच्च स्तर के करीब पहुंच गई है। एक औंस में करीब 28 ग्राम होते हैं। एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की शोध विश्लेषक रिया सिंह का कहना है कि वैश्विक बाजार में चांदी की कीमत 47 डालर प्रति औंस से अधिक हो गई है, जो पिछले पंद्रह वर्षों में इसका उच्चतम स्तर है। चांदी ने अंतिम बार 17 जनवरी, 1980 को 49.95 डालर प्रति औंस का रिकार्ड उच्च स्तर छुआ था। वर्तमान कीमतें अब उन ऐतिहासिक उच्च स्तरों के करीब पहुंच रही हैं।
अगले वर्ष 55 डालर प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं चांदी
स्विस बैंक यूबीएस ने चांदी की कीमतों के पूर्वानुमान को बढ़ा दिया है। इसमें निवेशक मांग, वैश्विक अनिश्चितता, वित्तीय और भू-राजनीतिक दबावों से मजबूत रुचि का संकेत दिया गया है। बैंक का अनुमान है कि 2026 के मध्य तक चांदी (Silver Price) 52-55 डालर प्रति औंस तक पहुंच सकती है। पहले बैंक ने इस अवधि तक चांदी के 44-47 डालर प्रति औंस तक पहुंचने का लक्ष्य रखा था।