सीजी भास्कर, 5 अक्टूबर। दशहरा आयोजन के दौरान अचानक उस समय हंगामा खड़ा हो गया जब रावण दहन की तैयारी चल रही थी और भीड़ में से एक युवक ने अप्रत्याशित हरकत कर दी। घटना को लेकर समिति के पदाधिकारियों ने विरोध जताया तो मामला गाली-गलौज और मारपीट तक पहुंच गया। समिति अध्यक्ष की शिकायत पर पुलिस को पूरे मामले की सूचना दी गई। विवाद के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की (Ravana Effigy Incident)।
यह प्रकरण जशपुर जिले के कुनकुरी नगर (Ravana Effigy Incident) का है। यहां 2 अक्टूबर की शाम खेल मैदान में दशहरा का आयोजन किया गया था। सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे। करीब साढ़े 7 बजे रावण दहन की तैयारी चल रही थी और आयोजन समिति के पदाधिकारी पुतले के पास बैरिकेटिंग के अंदर खड़े थे।
पैर छूने के बहाने आग
इसी बीच आरोपी पंकज अग्रवाल बैरिकेटिंग के भीतर जाने लगा। जब उसे रोका गया तो उसने कहा कि वह केवल रावण के पुतले का पैर छूकर लौट आएगा। समिति के पदाधिकारियों ने उसे अनुमति दी, लेकिन आरोप है कि पैर छूने के बहाने उसने लाईटर से पुतले को आग लगा दी (Ravana Effigy Incident)। इसके बाद समिति अध्यक्ष दीपक हेड़ा और अन्य पदाधिकारियों ने कड़ा विरोध जताया तो आरोपी पंकज ने गाली-गलौज करते हुए मारपीट शुरू कर दी। विवाद बढ़ने पर पंकज का भाई नीरज अग्रवाल भी मौके पर पहुंचा और वह भी मारपीट व धमकी देने लगा। इस पर शिकायत दर्ज कर पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 296, 115(2), 351(2), 300, 3(5) के तहत अपराध दर्ज कर लिया (Ravana Effigy Incident)।
आरोपियों के पिता का पक्ष
आरोपियों के पिता मुरारी अग्रवाल ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उनका कहना है कि दोनों बेटों पर झूठा केस दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि वे हर साल नगर में दुर्गा पूजा उत्सव में चंदा देते हैं और धार्मिक आयोजनों में सहयोग करते हैं, ऐसे में यह आरोप पूरी तरह निराधार है।