सीजी भास्कर, 7 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ में पुरानी गाड़ियों को खरीदना अब और महंगा हो गया है। राज्य सरकार ने (Vehicle Tax) पुराने वाहनों की खरीद-बिक्री और नामांतरण पर एक प्रतिशत टैक्स लागू कर दिया है। यह टैक्स सभी प्रकार के दोपहिया और चारपहिया वाहनों पर लगेगा।
अब बाइक, कार, ट्रक या किसी भी मालवाहक वाहन की कीमत के आधार पर टैक्स चुकाना होगा। टैक्स चुकाए बिना नामांतरण संभव नहीं होगा। उदाहरण के लिए, 10 लाख रुपये की गाड़ी पर 10 हजार और 20 लाख रुपये की गाड़ी पर 20 हजार रुपये टैक्स देना होगा। इस नियम की अधिसूचना राजपत्र में जारी कर दी गई है।
अपर परिवहन आयुक्त डी. रविशंकर ने कहा कि (Vehicle Tax) पुराने वाहनों की खरीद-बिक्री और नामांतरण की प्रक्रिया में जरूरी कर दिया गया है। यह टैक्स वाहन की मूल शोरूम कीमत पर आधारित होगा। चाहे वाहन 10 साल पुराना हो या 15 साल, टैक्स की गणना शोरूम मूल्य पर होगी। विभाग ने अपने ऑनलाइन सिस्टम में बदलाव कर यह प्रविधान जोड़ दिया है और सभी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों में इसकी वसूली शुरू कर दी गई है।
हर बार नाम ट्रांसफर पर देनी होगी राशि
हर बार वाहन की बिक्री और नामांतरण पर टैक्स देना होगा। इससे खासकर उन कारोबारियों को झटका लगेगा, जो दिल्ली जैसे शहरों से पुरानी लग्जरी गाड़ियां खरीदकर छत्तीसगढ़ में बेचते हैं। दिल्ली में 15 साल पुराने वाहन चलाना गैरकानूनी है, लेकिन रायपुर और आसपास के शहरों में इन्हें नए पंजीकरण के साथ बेचा जाता था। अतिरिक्त टैक्स से यह कारोबार अब प्रभावित होगा।
छत्तीसगढ़ में सालाना डेढ़ लाख गाड़ियों की बिक्री
परिवहन विभाग का कहना है कि राज्य में हर साल लगभग डेढ़ लाख पुराने वाहन बिकते हैं। इनमें 55% दोपहिया, 25% कारें और 20% ट्रक व अन्य बड़े वाहन शामिल हैं। (Vehicle Tax) से सरकार का राजस्व बढ़ेगा लेकिन खरीदारों और उपभोक्ताओं की जेब पर सीधा असर डालेगा।