सीजी भास्कर, 7 अक्टूबर। दुर्ग रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म क्रमांक 2 और 3 इन दिनों चर्चा में हैं। वजह – प्लेटफार्म की दीवारों और लोहे के पोलों पर एक धर्म विशेष से जुड़े प्रचारक पंपलेट (religious pamphlet) चिपकाए गए पाए गए। यात्रियों ने जैसे ही यह देखा, स्टेशन परिसर में इस तरह के प्रचार को लेकर नाराजगी जताई और रेलवे प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाए।
सूत्रों के अनुसार, ये पंपलेट फुट ओवर ब्रिज (FOB) के नीचे और प्लेटफार्म (Religious Pamphlet) के बीच बने बैठने के स्थानों पर लगाए गए थे। कई यात्रियों का कहना है कि इतने भीड़भाड़ वाले स्थान पर इन्हें चिपकाने के बावजूद अधिकारियों या सफाई कर्मियों का ध्यान इस ओर नहीं गया।
जब इस मामले को मीडिया ने उजागर किया, तब जाकर रेलवे (Religious Pamphlet) अधिकारियों ने तत्परता दिखाते हुए सभी पंपलेट्स को हटवाया। यात्रियों का कहना है कि यदि सवाल न उठता, तो शायद ये प्रचारक सामग्री अभी तक लगी रहती। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि भविष्य में स्टेशन जैसी सार्वजनिक जगहों का उपयोग धार्मिक या राजनीतिक प्रचार के लिए न होने दिया जाए।
पहले भी दुर्ग स्टेशन रहा विवादों में
यह पहली बार नहीं है जब दुर्ग स्टेशन (Durg Station) पर धर्म परिवर्तन या प्रचार (Religious Pamphlet) से जुड़ा मामला सामने आया हो। कुछ महीने पहले यहीं मानव तस्करी और मतांतरण (conversion attempt) से जुड़ी घटना हुई थी।
कांकेर क्षेत्र की तीन युवतियों को दो नन और एक स्थानीय युवक के साथ स्टेशन पर पकड़ा गया था। मामले के बाद राष्ट्रीय स्तर पर विवाद हुआ था और रेलवे पुलिस पर भी सवाल उठे थे।
फिर दोहराई गई लापरवाही
अब दोबारा स्टेशन परिसर में धर्म विशेष से जुड़े संदेश लगने से यात्रियों ने प्रशासन की सतर्कता पर सवाल उठाए हैं। यात्रियों का कहना है कि स्टेशन सार्वजनिक स्थल है, जहां किसी एक विचार या धर्म का प्रचार (Religious Pamphlet) उचित नहीं।
रेलवे सूत्रों के अनुसार, अधिकारी अब परिसर की नियमित निगरानी बढ़ाने की योजना बना रहे हैं ताकि इस तरह की घटनाएँ दोबारा न हों।